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पितृपक्ष में श्राद्ध के समय आखिर चावल से ही क्यों बनाए जाते हैं पिंड?

हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दौरान पिंडदान करने की विशेष मान्यता है। ऐसा कहा जाता है कि पिंडदान करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही जीवन में चल रही परेशानियां भी दूर हो जाती है। अब ऐसे में पितृपक्ष में चावल से पिंड बनाने का महत्व क्या है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2024-09-23, 17:14 IST

सनातन धर्म में पितृपक्ष में दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि अगर विधिवत रूप से पितरों के नाम से पिंडदान किया जाए, तो व्यक्ति को उत्तम परिणाम मिलते हैं। साथ ही सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। पिंडदान करना बेहद सौभाग्यशाली माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। अब ऐसे में पिंडदान करने के दौरान हर बातों का ध्यान विशेष रूप से रखा जाता है। जिस तरह कुशा से पितरों का तर्पण किया जाता है। ठीक वैसे ही पिंडदान करने के लिए आटे के पिंड बनाएं जाते हैं और चावल के पिंड पितरों के निमित्त बनाएं जाते हैं। वहीं पितृपक्ष में दान के समय चावल से ही क्यों पिंड बनाने का महत्व है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

चावल से पिंड बनाने का महत्व क्या है? (importance of making Pinda from rice)

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हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के दौरान पिंडदान का विशेष महत्व होता है। इस दौरान चावल से पिंड बनाकर पितरों को अर्पित किया जाता है। चावल को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, पितरों को अर्पित करने के लिए चावल का उपयोग किया जाता है। चावल प्रकृति का एक महत्वपूर्ण अंग है और यह भोजन का आधार है। चावल के पिंड से यह संदेश जाता है कि हम प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और पितरों को भी प्रकृति का आशीर्वाद प्रदान करना चाहते हैं।

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हिंदू धर्म में अन्नदान को पुण्य का काम माना जाता है। चावल का पिंड बनाकर पितरों को अर्पित करना भी एक प्रकार का अन्नदान ही है।

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चावल से है चंद्रमा का संबंध (Connection of rice with moon)

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चंद्रमा के माध्यम से पिंड पितरों तक पहुंचता है। इसलिए पिंड बनाने के लिए चावल सबसे उत्तम माना जाता है। चावल को सुख-शांति और मोक्ष का भी कारक माना जाता है। इसलिए पितृपक्ष में दान के समय चावल का इस्तेमाल विशेष रूप से करने की मान्यता है। इतना हीं नहीं, चावल से पिंड बनाकर दान करने से व्यक्ति को कभी भी आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।

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Image Credit- HerZindagi

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