हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन माह की अमावस्या तिथि तक का समय हमारे पूर्वजों को समर्पित होता है और इस दौरान वो पृथ्वी पर आते हैं।
पितृ पक्ष के सोलह दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रमुख होते हैं। इस पवित्र अवधि में श्राद्ध कर्म, तर्पण और पिंडदान जैसे कई अनुष्ठान किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि हम अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म करते हैं और उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं तो घर में कभी पितृ दोष नहीं होता है।
यही नहीं अगर आपको पूर्वजों की तिथि ज्ञात न हो तब भी आप उनका श्राद्ध सर्व पितृ अमावस्या के दिन कर सकते हैं, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सके।
किसी भी पर्व की ही तरह पितृ पक्ष भी इन दिनों गूगल पर बहुत ट्रेंड कर रहा है और लोग इसकी तिथि, तर्पण विधि के साथ इस दौरान श्राद्ध की सही विधि के बारे में भी जानना चाहते हैं।
गूगल ट्रेंड्स में पूछे गए सवालों के जवाब जानने और पितृ पक्ष के महत्व को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने ध्यान आश्रम के अश्विनी गुरुजी से बात की। आइए आपको भी बताते हैं इसके बारे में विस्तार से।
इस साल पितृ पक्ष का आरंभ 17 सितंबर, भाद्रपद पूर्णिमा से हो चुका है। पूरे सोलह दिन श्राद्ध पक्ष का समय जो हमारे पूर्वजों को समर्पित होता है, इसका समापन 2 अक्टूबर, आश्विन माह सर्वपितृ अमावस्या के साथ हो जाएगा। इस पूरी अवधि में हम सभी अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि के अनुसार श्राद्ध और तर्पण करते हैं, जिससे घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है। जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात न हो उनका श्राद्ध भी किया जाता है। इस साल पितृ पक्ष की तिथियों के बारे में यहां जानें-
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पितृ पक्ष हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र समय माना जाता है। इस दौरान पूर्वज धरती पर किसी न किसी रूप में आते हैं और अपने वंशजों से अन्न और जल ग्रहण करते हैं। यह 16 दिनों का समय भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन अमावस्या तक चलता है, जिसे महालय अमावस्या या सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। इस दौरान लोग अपने दिवंगत पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, और पिंड दान जैसे अनुष्ठान करते हैं।
पितृ पक्ष का मुख्य उद्देश्य अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान व्यक्त करना और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करना होता है। मान्यता है कि यदि इस दौरान सही विधि से तर्पण कार्य किया जाता है तो उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वो प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
यदि आपके घर में किसी भी वजह से पितृ दोष है तो इस दौरान सही विधि से श्राद्ध कर्म करना चाहिए, जिससे पितृ दोष दूर हो सकते हैं। यह समय उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि पितरों का आशीर्वाद उन्हें इन कष्टों से मुक्ति दिला सकता है।
यदि आप पितृ पक्ष के दौरान सही विधि से पितरों के निमित्त तर्पण करते हैं तो जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। यदि आप घर पर तर्पण कार्य करते हैं तो इसकी सही विधि यहां जानें-
पितरों के लिए पिंडदान करने के लिए सबसे उपयुक्त समय श्राद्ध या पितृ पक्ष को माना जाता है। इस समय पर विशेष रूप से पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है। तर्पण यदि सही विधि से किया जाता है तो इसके शुभ फल मिलते हैं। आइए जानें इसकी विधि के बारे में-
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पितृ पक्ष का समय हमारे पूर्वजों को याद करने और उनकी शांति के लिए प्रार्थना करने का समय माना जाता है। इस दौरान हम कई उपायों से उनके लिए शांति की कामना करते हैं। इन्हीं उपायों में से एक है दान करना।
मान्यता है कि यदि आप इस दौरान दान-पुण्य करते हैं तो पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष मिलता है। यही नहीं इस उपाय से आपके घर के पितृ दोष भी दूर होते हैं।
इस अवधि में किया गया दान न केवल पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करता है, बल्कि परिवार में सुख और समृद्धि लाने में भी सहायक होता है।
इसे पितृ दोष को दूर करने का एक प्रभावी उपाय माना जाता है, जिससे जीवन में आने वाली कठिनाइयों को कम किया जा सकता है।
पितृ पक्ष में दान के माध्यम से हम अपने कर्मों का फल प्राप्त करते हैं, जो हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इस अवधि में दान करना एक पवित्र कर्म माना जाता है जो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को समृद्ध बनाने का तरीका है। इस समय हम अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिससे हमारे जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
पितृ पक्ष के लिए गूगल पर कई सवाल पूछे जा रहे हैं। जिसमें सबसे ज्यादा इसकी तिथि के बारे में जानने की इच्छा दिखाई गई है। इसके साथ ही लोग पितृ पक्ष के सभी रिवाजों, तर्पण और श्राद्ध की सही विधि के बारे में भी जानना चाह रहे हैं। वहीं अगर हम बात करें कि कौन से राज्य में सबसे ज्यादा लोग पितृ पक्ष के बारे में गूगल से सवाल कर रहे हैं तो वो उत्तर प्रदेश है।
यदि आप यहां बताए तरीकों से पितरों का श्राद्ध और तर्पण करते हैं तो पूरे साल समृद्धि बनी रहती है और पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है।
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