
7 दिसंबर 2025 का पंचांग रविवार का दिन, कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि और आर्द्र्रा नक्षत्र की विशेषता बताता है जिसके स्वामी राहु हैं और जो वायु तत्व से जुड़ा है। रविवार होने के कारण यह दिन सूर्यदेव की पूजा और उनकी उपासना के लिए विशेष है जिससे यश और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। आर्द्र्रा नक्षत्र के प्रभाव के कारण यह दिन कुछ नया सीखने, अनुसंधान या कलात्मक कार्यों के लिए अनुकूल हो सकता है, लेकिन इस नक्षत्र की चंचलता को देखते हुए महत्वपूर्ण और स्थायी निर्णय लेने में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए जबकि गोधूलि मुहूर्त जैसे शुभ समय का ध्यान रखना लाभकारी होगा। साथ ही, आज के दिन चतुर्थी तिथि दोपहर के बाद से शुरू हो जाएगी, ऐसे में गणेश पूजन के लिए यह दिन बहुत शुभ है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
आज तृतीया तिथि दोपहर तक रहेगी उसके बाद चतुर्थी तिथि का आरंभ होगा। ऐसे में शाम के समय गणेश जी की पूजा करना उत्तम सिद्ध हो सकता है। संध्या पूजन से गणेश जी की कृपा प्राप्त होगी।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष कृष्ण तृतीया(दोपहर 02:49 बजे तक)/चतुर्थी | आर्द्र्रा | रविवार | शुभ | वणिज |

आज सूर्योदय का समय सुबह 7 बजकर 1 मिनट है और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 24 मिनट पर होगा। इसके अलावा, चंद्रोदय रात 8 बजे है और चंद्रास्त अगले दिन सुबह 9 बजकर 23 मिनट पर होगा।
| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 07:01 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:24 बजे |
| चंद्रोदय | रात्रि 08:00 बजे |
| चंद्रास्त | सुबह 09:23 बजे (अगले दिन) |
आज के दिन गणेश जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह का नहीं है क्योंकि उदया तिथि के अनुसार, गणेश जी की पूजा आज नहीं बल्कि कल होनी चाहिए। मगर संध्या पूजन के लिए शुभ समय गोधुली मुहूर्त है जो शाम 5 बजकर 22 मिनट से शमा 5 बजकर 49 मिनट तक है।
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:12 बजे से सुबह 06:07 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:52 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01:56 बजे से दोपहर 02:37 बजे तक |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05:22 बजे से शाम 05:49 बजे तक |
| अमृत काल | रात 11:45 बजे से रात 12:40 बजे तक |
आज के दिन दिशा शूल पश्चिम दिशा में है, ऐसे में इस दिशा में यात्रा करने से बचें। वहीं, आज भद्र का साया भी पड़ रहा है जो दोपहर से शुरू होकर मध्य रात्रि तक चलेगा।
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | शाम 04:06 बजे से शाम 05:24 बजे तक |
| यमगंड | दोपहर 12:13 बजे से दोपहर 01:31 बजे तक |
| गुलिक काल | सुबह 03:07 बजे से सुबह 04:25 बजे तक |
| वर्ज्यम | दोपहर 12:13 बजे से दोपहर 01:56 बजे तक |
| भद्रा | दोपहर 02:49 बजे से रात 01:21 बजे तक |
| दिशा शूल | पश्चिम दिशा |

आज के दिन अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा जो दोपहर के बाद से शुरू हो रही है। यूं तो गणेश जी की पूजा कल उदया तिथि के साथ होगी लेकिन गणेश जी का संध्या पूजन आज कर सकते हैं। इसके अलावा, आज रविवार होने के कारण सूर्य देव की पूजा का भी विधान है और साथ ही, रविवार व्रत भी रखा जाएगा।
रविवार होने के कारण, सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल में लाल फूल और गुड़ मिलाकर अर्घ्य दें। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना या 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करना मान-सम्मान, स्वास्थ्य और यश में वृद्धि करता है। आर्द्र्रा नक्षत्र के स्वामी भगवान शिव हैं। इसलिए, इस दिन शिवलिंग पर जल, बिल्वपत्र और शहद अर्पित करें।
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image credit: herzindagi
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