
8 दिसंबर 2025 का पंचांग सोमवार का दिन है और पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि और शुभ पुष्य नक्षत्र की विशेषता बताता है जो रात तक प्रभावी रहेगा। ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ और सभी कार्यों में सिद्धि देने वाला माना जाता है, इसलिए आज का दिन खरीदारी, नए काम की शुरुआत या किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत अनुकूल रहेगा। हालांकि आपको राहुकाल को छोड़कर अभिजीत मुहूर्त जैसे शुभ समय का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
आज पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है और साथ ही ब्रह्म योग का भी निर्माण हो रहा है। ये दोनों ही विशेष पूजा-पाठ या हवन-अनुष्ठान के लिए बहुत लाभकारी माने जाते हैं।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष कृष्ण चतुर्थी (सुबह 10:04 बजे)/पंचमी | पुष्य | सोमवार | ब्रह्म | बालव |

आज के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 58 मिनट पर होगा वहीं, सूर्यास्त का समय शमा 5 बजकर 25 मिनट है। इसके अलावा, चंद्रोदय रात 8 बजकर 31 मिनट पर होगा और चंद्रास्त अगले दिन यानी कि 9 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 37 मिनट पर होगा।
| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:58 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:25 बजे |
| चंद्रोदय | रात 08:31 बजे |
| चंद्रास्त | सुबह 10:37 बजे (अगले दिन) |
आज के दिन विशेष पूजा-पाठ या हवन-अनुष्ठान आदि के लिए अभिजीत मुहूर्त, निशिता मुहूर्त और सर्वार्थ सिद्धि योग बहुत शुभ माना जा रहा है। इन मुहूर्तों में किया गया पूजा-पाठ आपके लिए परम पुण्यकारी सिद्ध होगा।
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:13 बजे से सुबह 06:07 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:52 बजे से दोपहर 12:34 बजे तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01:57 बजे से दोपहर 02:38 बजे तक |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05:22 बजे से शाम 05:49 बजे तक |
| निशिता मुहूर्त | रात 11:46 बजे से रात 12:41 बजे तक |
| सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 07:32 बजे से अगले दिन सुबह 02:52 बजे तक |
आज के दिन विशेष पूजा-पाठ या हवन अनुष्ठान करते समय अशुभ मुहूर्तों का भी ध्यान रखें। विशेष रूप से राहु काल का पता होना आवश्यक है। आज दिशा शूल भी है जो पूर्व दिशा की ओर लगा है, ऐसे में इस दिशा में यात्रा करने से बचें।
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | सुबह 08:20 बजे से सुबह 09:37 बजे तक |
| यमगंड | सुबह 10:55 बजे से दोपहर 12:13 बजे तक |
| गुलिक काल | दोपहर 01:31 बजे से दोपहर 02:49 बजे तक |
| दिशा शूल | पूर्व दिशा |
| दुर्मुहूर्त (पहला भाग) | दोपहर 12:34 बजे से दोपहर 01:15 बजे तक |
| दुर्मुहूर्त (दूसरा भाग) | दोपहर 02:38 बजे से दोपहर 03:19 बजे तक |

आज के दिन कोई विशेष त्यौहार नहीं है, लेकिन सोमवार होने के कारण यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम है। इसके अलावा, पुष्य नक्षत्र को सभी 27 नक्षत्रों में सबसे शुभ और 'नक्षत्रों का राजा' माना जाता है जो इस दिन को खरीदारी, नए काम की शुरुआत या शुभ अनुष्ठान के लिए अत्यंत पवित्र बनाता है।
सोमवार का दिन होने के कारण, सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित करें। शिव चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी अत्यंत शुभ और स्थायी मानी जाती है। इस नक्षत्र के दौरान निवेश कर सकते हैं।
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