सनातन धर्म में चार धामों को बेहद अहम माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इन चार धामों के दर्शन करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। साथ ही व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं चार धामों मोमें जगन्नाथ पुरी महत्वपूर्ण धाम है। यह ओडिशा के पुरी में स्थित है। यह समुद्र तट के किनारे बसा एक ऐतिहासिक शहर है। यह पवित्र धाम अपने सौंदर्य और स्थापत्य कला के लिए बेहद मशहूर है। यहां भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र की पूजा की जाती है। बता दें, पुरी को ‘पुरुषोत्तम क्षेत्र’ और ‘श्री क्षेत्र’ के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों में जगन्नाथ धाम को धरती का बैकुंठ यानी स्वर्ग भी कहा गया है। अब जल्द ही जगन्नाथ जी की रथ यात्रा शुरु होने जा रही है। यह 07 जुलाई से आरंभ होगा। इस दौरान भगवान जगन्नाथ को खिचड़ी का भोग लगाने की मान्यता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि भगवान जगन्नाथ को खिचड़ी का भोग क्यों लगाते हैं।
भगवान जगन्नाथ को क्यों लगाते हैं खिचड़ी का भोग
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि कि 'करमा बाई' नामक एक गरीब महिला भगवान जगन्नाथ की परम भक्त थी। वह प्रतिदिन अपने घर में चावल और उड़द की खिचड़ी बनाकर भगवान को भोग लगाती थी। भगवान जगन्नाथ को उनके हाथ की खिचड़ी इतनी प्रिय लगने लगी कि वह मंदिर में लगे 56 भोग को छोड़कर उस गरीब महिला के घर आकर खिचड़ी का सेवन करते थे। एक दिन वहां के पुजारियों को पता चला कि जगन्नाथ भगवान हमारा भोग ग्रहण नहीं कर रहे हैं, वह एक गरीब महिला के घर जाकर खिचड़ी का सेवन करते हैं। तो सभी पंडित और वहां के लोग उस महिला के घर पहुंच गए।
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तब उन्होंने बोला कि हमे भी आपके हाथ की बनी खिचड़ी खानी है। उसके बाद सभी को खिचड़ी परोसी गई। धीर-धीरे जब सबने खिचड़ी खाई। तो वह दंग रह गए। इतनी अच्छी खिचड़ी उन्होंने आज तक नहीं। तब एक भक्त ने कहा कि भगवान जगन्नाथ को महंगी चीजें और 56 भोग पसंद नहीं। वह भक्तों का भाव, उनकी श्रद्धा और प्रेम देखकर भोग ग्रहण करते हैं। तभी से सभी भक्तों ने भगवान जगन्नाथ के लिए सच्चे मन और प्रेम से खिचड़ी बनाई और उन्हें भोग लगाने लग गए।
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खिचड़ी का ज्योतिष महत्व क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में खिचड़ी ग्रहों की स्थिति में बदलाव का प्रतीक है। खिचड़ी, चावल और दाल से बनी होती है, जो चंद्रमा और बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन ग्रहों की ऊर्जा ग्रहण करने से कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। साथ ही भगवान जगन्नाथ को भी खिचड़ी बेहद प्रिय है।
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