अगर आप भी बार-बार होती रहती हैं अस्वस्थ तो सावन महीने में इस विधि से करें शिवलिंग की पूजा, जानें नियम

हिंदू धर्म में सावन महीने में शिवलिंग की पूजा का विशेष विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस माह में नियमों का पालन करने से व्यक्ति को मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है। अब ऐसे में अगर आप बार-बार बीमार होती हैं तो सावन महीने में शिवलिंग की पूजा करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
sawan shivling puja vidhi and rules to get rid of health issues

सावन का पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित है। यह वह समय है जब प्रकृति भी शिव की भक्ति में लीन होकर हरी-भरी हो उठती है। अक्सर लोग इस महीने में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के अनुष्ठान और पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में शिवलिंग की सही विधि से पूजा करने से आप अपनी सेहत से जुड़ी समस्याओं से भी छुटकारा पा सकते हैं? अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें बार-बार बीमारियां घेर लेती हैं तो सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा आपके लिए वरदान साबित हो सकती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि शिवलिंग की पूजा किस विधि से करें?

रोगदोष से छुटकारा पाने के लिए सावन में शिवलिंग की पूजा किस विधि से करें?

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  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा शुरू करने से पहले मन में यह संकल्प लें कि आप रोगदोष से मुक्ति के लिए भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं।
  • यदि घर में पूजा कर रहे हैं, तो शिवलिंग को एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें। मंदिर में हैं, तो शिवलिंग को पहले शुद्ध जल से साफ करें।
  • सबसे पहले शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
  • फिर कच्चा दूध अर्पित करें।
  • इसके बाद फिर से शुद्ध जल से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय 'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का निरंतर जाप करते रहें। यह अभिषेक शारीरिक और मानसिक शुद्धता का प्रतीक है।
  • अभिषेक के बाद यदि संभव हो तो शिवलिंग पर नया वस्त्र चढ़ाएं। इसके बाद शिवलिंग पर चंदन लगाएं। चंदन शीतलता प्रदान करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
  • अब शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें। बेलपत्र शिवजी को अत्यंत प्रिय हैं और इन्हें चढ़ाने से हर इच्छा पूरी होती है। इसके साथ ही धतूरा, आंकड़े के फूल और अन्य मौसमी फूल चढ़ाएं।
  • शिवलिंग पर भस्म लगाएं। इसके बाद धूप जलाएं।
  • अब भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। रोगदोष से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष रूप से फलदायी होता है।
  • आप काले तिल और गुड़ शिवलिंग पर अर्पित करें और फिर शिवलिंग की अर्ध परिक्रमा लगाएं। इससे रोगदोष से छुटकारा मिल सकता है।
  • पूजा के अंत में भगवान शिव को फल, मिठाई या मिश्री का नैवेद्य अर्पित करें।

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सावन में शिवलिंग की पूजा करने का महत्व

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शिवलिंग पर जल चढ़ाने और पूजा करने से मन को असीम शांति मिलती है. यह तनाव और चिंताओं को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. दूसरा, शिव को 'भोलेनाथ' कहा जाता है, जो शीघ्र प्रसन्न होते हैं. सावन में उनकी पूजा से धन-धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। जिन लोगों को रोगदोष का सामना करना पड़ रहा है। वह शिवलिंग की पूजा विधिवत से करें। साथ ही भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। इससे उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।

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Image Credit- HerZindagi

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