कल सौभाग्य योग में पड़ रही है सावन पूर्णिमा, जानें स्नान-दान से लेकर पूजा तक का शुभ मुहूर्त और महत्व

सावन पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है क्योंकि यह श्रावण मास का अंतिम और सबसे पवित्र दिन होता है। यह दिन मुख्य रूप से भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है।
sawan purnima 2025 date

सावन पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है क्योंकि यह श्रावण मास का अंतिम और सबसे पवित्र दिन होता है। यह दिन मुख्य रूप से भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। इसी दिन भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार भी मनाया जाता है जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन दान-पुण्य, गंगा स्नान और व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है सावन पूर्णिमा, क्या है पूजा से लेकर स्नान-दान तक का शुभ मुहूर्त और महत्व।

सावन पूर्णिमा 2025 कब है?

  • पूर्णिमा तिथि आरंभ: 8 अगस्त 2025, शुक्रवार के दिन, दोपहर 2 बजकर 12 मिनट
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त 2025, शनिवार के दिन, दोपहर 1 बजकर 24 मिनट
  • सावन पूर्णिमा व्रत: 9 अगस्त 2025

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सावन पूर्णिमा 2025 स्नान-दान मुहूर्त

सावन पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन अपनी क्षमता अनुसार दान-पुण्य करने से भगवान शिव और विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त होती है जिससे जीवन में खुशहाली और सौभाग्य आता है।

  • स्नान-दान का मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 22 बजे से 5 बजकर 4 मिनट तक

सावन पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त

sawan purnima 2025 ki tithi

  • अभिजीत मुहूर्त (पूजा का समय): दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक
  • सौभाग्य योग: सुबह 4 बजकर 8 मिनट से दोपहर 2 बजकर 15 मिनट तक (10 अगस्त)
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर 2 बजकर 23 मिनट तक

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सावन पूर्णिमा 2025 महत्व

ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर या पीड़ित है तो उसे मानसिक तनाव, बेचैनी और निर्णय लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

sawan purnima 2025 ka mahatva

सावन पूर्णिमा का व्रत रखने से चंद्र देव प्रसन्न होते हैं और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। इस दिन व्रत रखकर रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने और चंद्र मंत्रों का जाप करने से मन शांत होता है और मानसिक तनाव दूर होता है।

सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन दान-पुण्य करना भी बहुत शुभ माना जाता है।

जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से पुण्यफल मिलता है, जिससे जीवन में खुशहाली और सौभाग्य का आगमन होता है। मान्यता है कि सावन पूर्णिमा का व्रत सभी पापों से मुक्ति दिलाता है और व्यक्ति को मोक्ष की ओर ले जाता है।

इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान करने और भगवान की पूजा करने से व्यक्ति के पिछले जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से व्रत रखकर अपनी कोई मनोकामना मांगता है तो भगवान शिव और विष्णु उसकी इच्छा जरूर पूरी करते हैं।

सावन पूर्णिमा का व्रत न केवल चंद्रमा बल्कि अन्य ग्रहों की स्थिति को भी अनुकूल बनाने में मदद करता है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • सावन पूर्णिमा के दिन क्या दान करें? 

    सावन पूर्णिमा के दिन अनाज, वस्त्र एवं चांदी से जुड़ी वस्तु का दान करना शुभ होता है। 
  • सावन पूर्णिमा के दिन कौन सा दीया जलाएं? 

    सावन पूर्णिमा के दिन अलसी के तेल का दीया जलाना चाहिए।