मां विजयालक्ष्मी की पूजा करने के दौरान इन नियमों का जरूर करें पालन, यहां पढ़ें विस्तार से

हिंदू धर्म में मां विजयालक्ष्मीमाता लक्ष्मी के आठ प्रमुख स्वरूपों में से एक हैं। मां लक्ष्मी के यह स्वरूप व्यक्ति को धन और कार्यक्षेत्र में सफलता दिलाने में मदद करता है। आइए इस लेख में विस्तार से मां लक्ष्मी के आठवें स्वरूप विजयालक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने के नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं। 
maa vijayalakshmi puja niyam and significance in detail

हिंदू धर्म में मां विजयालक्ष्मी मां लक्ष्मी की आठवीं स्वरूप मानी जाती है। शास्त्रों में मां विजयालक्ष्मी को लाल रंग की साड़ी पहने हुए कमल के आसन पर बैठी हुई दर्शाया गया है। उनकी आठ भुजाएं हैं, जिनमें वे विभिन्न अस्त्र-शस्त्र जैसे चक्र, शंख, कमल, तलवार, ढाल, और भाला धारण करती हैं।

उनके दो हाथ अभय मुद्रा और वरद मुद्रा में भक्तों को आशीर्वाद देते हुए विराजमान हैं। आपको बता दें, मां विजयालक्ष्मी उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं जो अपने जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं या किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने, कानूनी मामलों में सफलता पाने, और जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है। वे आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं, जिससे व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है।

अब ऐसे में विजयालक्ष्मी की पूजा करने के नियम क्या हैं और इनकी पूजा किस विधि से करनी चाहिए। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

मां विजयालक्ष्मी की पूजा किस विधि से करें?

maa vijayalaskhmi

  • सबसे पहले अपने स्थान को और स्वयं को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर मां विजयालक्ष्मी की पूजा का संकल्प लें।
  • मां विजयालक्ष्मी का आह्वान करें और पूजा आरंभ करें।
  • मां को चंदन का तिलक लगाएं या सिंदूर अर्पित करें।
  • मां विजयालक्ष्मी को गुलाब का फूल चढ़ाएं।
  • मां को साबूदाने की खीर का भोग अर्पित करें।
  • इस बात का ध्यान रखें कि मां विजयलक्ष्मी की पूजा में अबीर जरूर चढ़ानी चाहिए।
  • मां विजयालक्ष्मी के स्तोत्र का जाप विशेष रूप से करें।

मां विजयालक्ष्मी की पूजा करने के नियम क्या हैं?

  • मां विजयालक्ष्मी की पूजा उसी तरह करें। जिस प्रकार मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  • माता की पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप जरूर करें। साथ ही स्तोत्र का पाठ भी अवश्य करें।
  • मां विजयालक्ष्मी की पूजा में कभी भी खड़े होकर आरती नहीं करनी चाहिए।
  • आप विशेष रूप से शुक्रवार के दिन मां विजयालक्ष्मी की पूजा जरूर करें।

इसे जरूर पढ़ें - माता लक्ष्मी की पूजा शुक्रवार के दिन ही क्यों की जाती हैं, जानें पूजन का महत्व और नियम

मां विजयालक्ष्मी की पूजा करने के दौरान मंत्र जाप

61HGnv4oQYL._AC_UF894,1000_QL80_

  • ऊं श्रीं विजया लक्ष्म्यै नमः॥
  • जय कमलासनी सद्गति दायिनी, ज्ञान विकासिनी गानमये।
  • अनुदिन मर्चित कुंकुम धूसर, भूषित वासित वाद्य नुते।।
  • कनकधरा स्तुति वैभव वंदित, शंकर देशिक मान्य पदे।
  • जय जय हे मधुसूदन कामिनी, विजया लक्ष्मी जय पालय माम्।।
  • हरिप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे।
  • पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे।।

इसे जरूर पढ़ें - घर में सुख समृद्धि लाने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- HerZindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP