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Hariyali Amavasya Puja Vidhi 2025: आज हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का है विशेष विधान, जानें विधि और नियम

Hariyali Amavasya par Puja Kaise Kare: हिंदू धर्म में हरियाली अमावस्या सावन के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ता है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करने का विधान है। आइए इस लेख में विधि और नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-07-24, 06:22 IST

हिंदू धर्म में हरियाली अमावस्या का विशेष महत्व है। वहीं हरियाली अमावस्या श्रावण मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। हरियाली अमावस्या का संबंध पितरों से माना गया है। साथ ही इस दिन दान-पुण्य करने का भी विधान है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का भी विशेष विधान है। आपको बता दें, दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान करने का भी विधान है। इतना ही नहीं, इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करने का भी विशेष महत्व है। आइए इस लेख विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करने के महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।

हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा विधि

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  • सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा का संकल्प लें कि आप किस मनोकामना के लिए यह पूजा कर रहे हैं।
  • एक लोटे में जल, थोड़ा कच्चा दूध, काले तिल और गंगाजल मिलाकर पीपल के पेड़ की जड़ में 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करते हुए अर्पित करें।
  • जल अर्पण के बाद, पीपल के पेड़ की 7, 11, 21, 51 या 108 परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' या 'ॐ शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करें। कुछ लोग हर परिक्रमा पर कच्चा सूत या मोली लपेटते हुए भी जाते हैं।
  • पीपल के तने पर कुमकुम और चावल का टीका लगाएं। फूल अर्पित करें।
  • आप तिल के तेल का दीपक जलाएं और धूप करें।
  • आखिर में पीपल के पेड़ की आरती करें और फिर परिक्रमा लगाएं। इससे उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।

हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा के नियम

हरियाली अमावस्या के दिन पीपल की पूजा सूर्योदय से पूर्व या सूर्योदय के तुरंत बाद करना शुभ माना जाता है।
सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ को छूना या उसकी पूजा करना वर्जित माना जाता है। कहा जाता है कि शाम को पीपल पर दरिद्रा का वास होता है।
विवाहित महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए पूजा कर सकती हैं।
इस बात का ध्यान रखें सूर्यास्त के बाद जल चढ़ाकर परिक्रमा जरूर लगाएं।

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हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का महत्व

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीपल की पूजा से शनि दोष, पितृ दोष और अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन पीपल की परिक्रमा और पूजा से ये दोष शांत होते हैं। ऐसी मान्यता है कि पीपल में देवी लक्ष्मी का वास होता है। हरियाली अमावस्या पर पीपल की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और धन-धान्य की वृद्धि होती है।

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Image Credit- HerZindagi

FAQ
अमावस्या के दिन कौन सा मंत्र जपना चाहिए?
ॐ पितृ देवतायै नम: ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।। ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात् 
हरियाली अमावस्या पर क्या दान करना चाहिए?
काले तिल, जौ, कच्चा चावल, चूड़ा, दही, चीनी, नमक आदि चीजों का दान करें। पितरों को प्रसन्न करने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन आप छतरी, चमड़े के जूते और चप्पल आदि चीजों का भी दान कर सकते हैं।
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