श्री हनुमान चालीसा | Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

चालीसा का पाठ शुरू करने से पहले, आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होगा। इसके उपरांत, एक शांत और पवित्र स्थान का चुनाव करें, जैसे कि कोई मंदिर, आपका पूजा कक्ष, या घर का कोई शांत कोना। यह सुनिश्चित करें कि आप पूजा आरंभ करने से पूर्व मंदिर की अच्छी तरह सफाई कर लें।
hanuman chalisa path

अक्सर हम सोचते हैं कि हनुमान चालीसा का पाठ कर लेना ही काफी है, लेकिन सच्चाई इससे कहीं आगे है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ चालीसा पढ़ना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि उससे पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है।

जरा सोचिए, अगर घर में गंदगी हो, आपने स्वयं स्नान न किया हो और आप चालीसा पढ़ने बैठ जाएं, तो क्या इस तरह आप कभी हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त कर पाएंगे? बिल्कुल नहीं! गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा महज़ एक किताब नहीं है जिसे आप किसी भी तरह पढ़ लें। यह आस्था, शक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।

प्रत्येक भक्त को यह समझना चाहिए कि हनुमान जी केवल बल और शक्ति के देवता नहीं हैं, बल्कि वे अपनी भक्ति, सेवा और विनम्रता के लिए भी पूजे जाते हैं। इसलिए, चालीसा पाठ करने से पहले आपको पूजा के सभी नियमों और विधानों का पालन करना होगा।

सदियों से, भक्त इस पावन चालीसा का पाठ अपनी विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति, भय से मुक्ति, नकारात्मक ऊर्जा से बचाव और आत्मिक शांति के लिए करते आ रहे हैं। आइए, ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानते हैं सम्पूर्ण हनुमान चालीसा और इसके महत्व के बारे में विस्तार से।

श्री हनुमान चालीसा

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दोहा

श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन–कुमार ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर ॥1॥

रामदूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥2॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥3॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुंडल कुंचित केसा ॥4॥

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज जनेऊ साजै ॥5॥

संकर सुवन केसरीनंदन ।
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥6॥

विद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥7॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥8॥

meaning of hanuman chalisa

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥9॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचंद्र के काज सँवारे ॥10॥

लाय सजीवन लखन जियाये ।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥11॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥12॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥13 ||

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥14॥

meaning of hanuman chalisa benefits

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥15॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा ।
राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥16॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना ।
लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥17॥

जुग सहस्र जोजन पर भानू ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥18॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ॥19॥

hanuman chalisa meaning benefits

दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥20॥

राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥21॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रक्षक काहू को डर ना ॥22॥

आपन तेज सम्हारो आपै ।
तीनों लोक हांक तें कांपै ॥23॥

भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।
महाबीर जब नाम सुनावै ॥24॥

नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥26॥

सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिन के काज सकल तुम साजा ॥27॥

और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोइ अमित जीवन फल पावै ॥28॥

चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥29॥

साधु–संत के तुम रखवारे ।
असुर निकंदन राम दुलारे ॥30॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥31॥

राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ॥32॥

तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम–जनम के दुख बिसरावै ॥33॥

अन्त काल रघुबर पुर जाई ।
जहां जन्म हरि–भक्त कहाई ॥34॥

और देवता चित्त न धरई ।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥35॥

संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥36॥

hanuman chalisa

जै जै जै हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥37॥

जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बंदि महा सुख होई ॥38॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥39॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ॥40॥

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥

हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने का महत्व

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हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने का महत्व बहुत गहरा है। यह न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी व्यक्ति को सशक्त बनाता है।

हनुमान चालीसा का रोज पाठ करने से आपकी जिंदगी में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह आपको डर, रुकावटों और बुरी शक्तियों से बचाता है। साथ ही, यह आपका आत्मविश्वास और साहस भी बढ़ाता है। हनुमान जी की कृपा से आपको मन की शांति, धैर्य और संकल्प शक्ति मिलती है, जिससे जीवन में आने वाली मुश्किलों का सामना करना आसान हो जाता है।

ज्योतिष के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठशनि की साढ़े सातीऔर ढैया के प्रभाव को कम करता है। यह राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को भी समाप्त करता है। नियमित रूप से इसका पाठ करने से रोग, शोक और दरिद्रता दूर होती है। साथ ही, यह भगवान श्रीराम की कृपा पाने का भी एक सरल मार्ग है।

अतः जो भी व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करता है, वह जीवन में हर संकट से मुक्त होकर सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त करता है।

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यदि आप भी हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करते हैं तो आपके जीवन में सदैव समृद्धि बनी रहती है। इससे आपके अटके हुए काम फिर से बन सकते हैं। इसके अलावा, अगर आपके मन में कोई इच्छा है, तो उसकी भी पूर्ति आप हनुमान चालीसा के पाठ से कर सकते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ करने के नियम

  • सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के बाद का समय सबसे उत्तम माना जाता है। ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
  • मंगलवार और शनिवार के दिन भगवान हनुमान को समर्पित हैं, इसलिए इन दिनों में चालीसा का पाठ करना अधिक लाभकारी होता है।
  • पाठ करते समय अपना मुख पूर्व दिशा की ओर रखें। यदि यह संभव न हो, तो उत्तर दिशा की ओर भी मुख किया जा सकता है।
  • नियमित रूप से एक, सात, ग्यारह, इक्कीस, इक्यावन या एक सौ आठ बार हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।

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Images: freepik.com, shutterstock.com

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FAQ

  • क्या हनुमान चालीसा रोज पढ़ सकते हैं?

    हां, हनुमान चालीसा का पाठ रोज करने में कोई परेशानी नहीं है। 
  • क्या महिलाएं हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं?

    हां, महिलाएं भी श्रद्धा भाव से हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं।
  • हनुमान चालीसा का पाठ कब नहीं करना चाहिए?

    हनुमान चालीसा का पाठ आपको सूतक काल में भूल से भी नहीं करना चाहिए। मांस-मदिरा का सेवन और अशुद्ध तन के साथ तो बिल्कुल भी ना करें।
  • पंचमुखी हनुमान जी का मंत्र क्या है?

    पंचमुखी हनुमान का मंत्र "ॐ नमो भगवते पंचवदनाय अंजनेयाय महाबलाय स्वाहा" है। यह मंत्र हनुमान जी के पांच मुखों को प्रणाम करता है और उनकी शक्ति का आह्वान करता है।
  • हनुमान रक्षा कवच का मंत्र क्या है?

    ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्व-शत्रु-संहारणाय, सर्व-रोग-हराय, सर्व-वशीकरणाय, राम-दूताय स्वाहा।