गायत्री जयंती पर इस विधि से करें यंत्र पूजा, जानें सामग्री, नियम और महत्व

हिंदू धर्म में गायत्री जयंती के दिन मां गायत्री की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। अब ऐसे में इस दिन किस विधि से गायत्री यंत्र की पूजा करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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गायत्री जयंती के दिन गायत्री यंत्र की पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह दिन वेदों की जननी मां गायत्री को समर्पित है, और इस शुभ अवसर पर गायत्री यंत्र की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। गायत्री मंत्र को बुद्धि और ज्ञान का मंत्र माना जाता है। यंत्र की पूजा से मन शांत होता है। माना जाता है कि गायत्री यंत्र की नियमित पूजा करने से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। गायत्री यंत्र की पूजा करने से धन और समृद्धि आती है। साथ ही घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। अब ऐसे में गायत्री जयंती के दिन किस विधि से गायत्री यंत्र की पूजा करें और पूजा की सामग्री क्या है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

गायत्री यंत्र की पूजा के लिए सामग्री क्या है?

गायत्री यंत्र
जप माला
तेल का दीपक और धूपबत्ती
पवित्र जल
चंदन और कुमकुम
अक्षत
पंचामृत
कलावा
मिश्री
पान का पत्ता और सुपारी
आम की लकड़ी

गायत्री यंत्र की पूजा किस विधि से करें?

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अपने घर के पूजन स्थल पर या किसी साफ और पवित्र जगह पर गायत्री यंत्र को स्थापित करें।
यंत्र को पूर्व दिशा में स्थापित करना शुभ माना जाता है।
यंत्र को स्थापित करने से पहले उसे गंगाजल या दूध से शुद्ध करें।
यदि संभव हो तो किसी अनुभवी ज्योतिषी या पंडित से पूजा कराएं।
बुधवार या शुक्रवार का दिन यंत्र स्थापना के लिए शुभ माना जाता है।
पूजा शुरू करने से पहले मन में अपनी मनोकामना का संकल्प लें।
बाएं हाथ में जल लेकर उसे दाहिने हाथ से ढक लें और मंत्र बोलते हुए जल को सिर तथा शरीर पर छिड़कें।
'ऊं अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपिवा ।। यः स्मरेत्पुण्डरीकाक्षं स बाह्यभ्यन्तरः शुचिः ॥' इस मंत्र के जाप से आरंभ करें।
कुशा के आसन पर बैठकर पूजा करें।
गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए एक छोटी तश्तरी में जल, धूपबत्ती, दीपक, अक्षत, चंदन, फूल और नैवेद्य तैयार रखें। इन वस्तुओं को यंत्र पर समर्पित करें।
गायत्री यंत्र की पूजा करते समय गायत्री मंत्र की पूजा करें।
मंत्र जाप के बाद देवी गायत्री की आरती करें।

गायत्री यंत्र की पूजा के नियम क्या हैं?

यदि आपके घर में हवन कुंड है, तो प्रतिदिन 11 या 21 बार गायत्री मंत्र के लिए आहुति देना भी बहुत अच्छा परिणाम देता है।
जहां भी गायत्री यंत्र स्थापित करें, वहां साफ और स्वच्छता रखें।
यंत्र को एक चौकी पर गुलाबी रंग के आसन पर रखें।
जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें और माला को गोमुखी में रखें।

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गायत्री यंत्र की पूजा करने का महत्व

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गायत्री यंत्र की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। साथ ही घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसके अलावा अगर आपके घर में कर्ज की स्थिति बनी रहती है तो गायत्री यंत्र की पूजा से लाभ हो सकता है।

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Image Credit- HerZindagi

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