Ganga Saptami Upay 2025: गंगा सप्तमी के दिन गंगाजल से करें ये उपाय, बढ़ेगी सुख-समृद्धि

गंगा सप्तमी के दिन जहां एक ओर गंगा स्नान का खासा महत्व है तो वहीं, दूसरी ओर इस दिन गंगाजल से जुड़े कुछ उपाय करना भी बेहद कारगर सिद्ध हो सकता है। 
ganga saptami 2025 ke upay

गंगा सप्तमी इस साल 3 मई, शनिवार के दिन पड़ रही है। गंगा सप्तमी के दिन जहां एक ओर गंगा स्नान का खासा महत्व है तो वहीं, दूसरी ओर इस दिन गंगाजल से जुड़े कुछ उपाय करना भी बेहद कारगर सिद्ध हो सकता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि गंगा सप्तमी के दिन गंगाजल के अलग-अलग उपाय करने से कई प्रकार के लाभ मिल सकते हैं। आइये जानते हैं इन लाभों के बारे में विस्तार से।

गंगा सप्तमी पर नकारात्मकता दूर करने के उपाय

ganga saptami 2025 astro remedies

घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए गंगा सप्तमी के दिन पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। ऐसा करने से घर पवित्र होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। आप नहाने के पानी में भी कुछ बूंदें गंगाजल की डालकर स्नान कर सकते हैं, जिससे तन और मन शुद्ध होता है।

गंगा सप्तमी पर आर्थिक लाभ के लिए उपाय

यदि आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो गंगा सप्तमी के दिन एक पीतल के लोटे में गंगाजल भरकर उसे उत्तर दिशा में रखें। इस लोटे में थोड़ा सा सिक्का और एक पीली कौड़ी भी डाल दें। ऐसा करने से धन आगमन के रास्ते खुल सकते हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

गंगा सप्तमी पर अच्छे स्वास्थय के लिए उपाय

अच्छे स्वास्थ्य के लिए गंगा सप्तमी के दिन थोड़ा सा गंगाजल नियमित रूप से ग्रहण करें। ऐसा माना जाता है कि गंगाजल में औषधीय गुण होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यदि घर में कोई बीमार है, तो उसके कमरे में गंगाजल का छिड़काव करने से स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

गंगा सप्तमी पर मानसिक शांति के लिए उपाय

मानसिक शांति और तनाव को कम करने के लिए गंगा सप्तमी के दिन एक लोटे में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थान पर रखें। हर दिन इस जल को देखें और मां गंगा का ध्यान करें। ऐसा करने से मन शांत होता है और सकारात्मक विचार आते हैं। सोते समय सिरहाने भी गंगाजल रख सकते हैं।

यह भी पढ़ें:देवी गंगा किसकी पुत्री और पत्नी थीं?

गंगा सप्तमी पर पितरों की शांति के लिए उपाय

ganga saptami 2025 remedies

गंगा सप्तमी के दिन पितरों को तर्पण करने का भी विशेष महत्व है। यदि आप गंगा नदी के किनारे तर्पण कर सकते हैं तो यह बहुत अच्छा है अन्यथा घर पर ही गंगाजल का उपयोग करके पितरों का स्मरण करें और उनके लिए प्रार्थना करें। इससे पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP

FAQ

  • घर में गंगाजल कहां रखना चाहिए?

    घर में गंगाजल को उत्तर-पूर्वी दिशा यानी कि ईशान कोण में रखना चाहिए।