Chaitra Navratri Ke Dauran Kya Khaye Kya Nahi: चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल, दिन मंगलवार से होने वाला है। चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर क्या है चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का मुहूर्त, क्या है चैत्र नवरात्रि पर घटस्थापना की विधि, पूजन समाग्री और मंत्र।
चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना मुहूर्त (Kalash Sthapana Shubh Muhurat 2024)
चैत्र नवरात्रि पर 30 साल बाद 3 विशेष योगों का अश्विनी नक्षत्र में निर्माण हो रहा है। ऐसे में चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा यानी कि 9 अप्रैल, दिन मंगलवार को सुबह 7 बजकर 32 मिनट से अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।
इसके अलावा, सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त निर्मित हो रहा है। ऐसे में घटस्थापना के लिए इस बार दो शुभ मुहूर्त निकल कर सामने आ रहे हैं जो लाभदायक भी सिद्ध होंगे।
पहला मुहूर्त 9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 11 मिनट से आरंभ होगा। वहीं, इसका समापन सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में घटस्थापना के लिए कुल अवधि लगभग 4 घंटे की है। वहीं, अभीजीत मुहूर्त भी उत्तम रहेगा।
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चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना पूजन सामग्री 2024 (Kalash Sthapana Puja Samagri List)
घटस्थापना के लिए एक लकड़ी की चौकी, मिट्टी का एक बर्तन, थोड़ी सी शुद्ध मिट्टी, 7 प्रकार के अनाज, कलश, गंगाजल, सुपारी, अशोक या आम के पेड़ के पत्ते, कलावा, अक्षत, जटा वाला नारियल, लाल कपड़ा, फूल और माला आदि सामग्री आवश्यक है।
चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना विधि (Kalash Sthapana Vidhi)
घटस्थापना के लिए सबसे पहले एक चौड़े मुंह वाला मिट्टी का बर्तन लें। उसमें सप्त धान्य बोएं। फिर एक कलश में जल भरें और कलश के ऊपरी भाग में कलावा बांधें। इसके बाद आम या अशोक के पत्ते कालश के ऊपर रखें।
फिर एक नारियल लें और उसे लाल कपड़े में लपेटें। फिर इसके बाद उस नारियल को कलश के ऊपर स्थापित कर दें। नारियाल स्थापना से पहले उसपर भी कलावा लपेटें। इसके बाद माता रानी का ध्यान करते हुए आवाहन करें।
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चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना मंत्र (Kalash Sthapana Puja Mantra)
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री और मंत्र के बारे में जान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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