जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी 16 अगस्त, शनिवार के दिन पड़ रही है। जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना विधि-विधान से की जाती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा के लिए समस्त सामग्री का होना आवश्यक है। ऐसे में अगर आप भी जन्माष्टमी की पूजा करने जा रहे हैं तो यहां देखें जरूरी पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट जिससे आपकी पूजा अधूरी न रह जाए।
जन्माष्टमी पूजा सामग्री की लिस्ट
जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा के दौरान 14 प्रकार की अलग-अलग सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। ये सभी सामग्री वही हैं जो लड्डू गोपाल को बहुत प्रिय हैं। ऐसे में जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा के लिए आप भी सामग्री लेने जा रहे हैं तो इन चीजों को जरूर शामिल करें-
- भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति: जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल या बाल गोपाल की मूर्ति की पूजा की जाती है। आप अपनी सुविधानुसार कोई भी मूर्ति ले सकते हैं।
- पालना या झूला: भगवान को झूले में बिठाकर झुलाने की परंपरा है, इसलिए एक सुंदर पालना या झूला जरूरी है।
- अभिषेक सामग्री: दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से पंचामृत तैयार किया जाता है, जिससे भगवान का अभिषेक होता है।
- वस्त्र और आभूषण: भगवान के लिए नए वस्त्र, मोरपंख, मुकुट, बांसुरी और अन्य आभूषण जैसे हार, कंगन आदि।
- पुष्प और माला: ताजे फूल, कमल के फूल, और फूलों की माला भगवान को अर्पित करने के लिए।
- धूप और दीप: पूजा के लिए धूप, अगरबत्ती और गाय के घी का दीपक।
- भोग सामग्री: माखन-मिश्री, धनिया पंजीरी, पंचमेवा, फल, मिठाई, और तुलसी का पत्ता। तुलसी के बिना भोग अधूरा माना जाता है।
- अन्य सामग्री: चंदन, रोली, कुमकुम, अक्षत (चावल), सुपारी, पान के पत्ते, लौंग, इलायची, मिश्री, जल का कलश, और भोग लगाने के लिए थाली।
- पंचामृत: यह पांच पवित्र वस्तुओं का मिश्रण है, जिससे भगवान को स्नान कराया जाता है। यह शुद्धता का प्रतीक है।
- वस्त्र और आभूषण: नए वस्त्र और आभूषण पहनाकर हम भगवान के प्रति अपना प्रेम और सम्मान व्यक्त करते हैं। मोरपंख और बांसुरी उनके श्रृंगार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- माखन-मिश्री: यह भगवान कृष्ण का सबसे प्रिय भोग है। इसे अर्पित करने से वे बहुत प्रसन्न होते हैं।
- तुलसी: तुलसी के बिना भगवान कृष्ण का कोई भी भोग या पूजा स्वीकार नहीं होती। तुलसी के पत्ते को भोग पर रखकर ही भोग लगाया जाता है।
- बांसुरी: भगवान कृष्ण की बांसुरी प्रेम और आनंद का प्रतीक है। इसे अर्पित करने से घर में खुशहाली आती है।
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image credit: herzindagi
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