हिंदू धर्म में भगवान से मन्नत मांगना एक आम बात है, हम जब भी परेशान होते हैं ईश्वर के पास जाकर अपनी समस्याएं रखते हैं और उनका समाधान भी भगवान से ही चाहते हैं। कई बार हम अपनी व्यस्त दिनचर्या में तो ईश्वर ध्यान भी नहीं कर पाते हैं, लेकिन परेशानियां आते ही ईश्वर की शरण ले लेते हैं। यही नहीं मन्नत पूरी होने पर किसी धार्मिक स्थान पर जाने या फिर किसी अन्य बात का संकल्प ले लेते हैं, लेकिन एक बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या वास्तव में ईश्वर से मन्नत मांगना ठीक है? इस सवाल का जवाब प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षाओं में छुपा है।
प्रेमानंद जी महाराज कई बार अपनी शिक्षाओं के माध्यम से लोगों को सही राह दिखाते हैं। उनकी शिक्षाएं हमें बताती हैं कि ईश्वर से जुड़ने का सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है। आइए आपको बताते हैं उनकी शिक्षा में छिपे इस सवाल के रहस्य के बारे में।
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार क्या ईश्वर से मन्नत मांगना ठीक है?
प्रेमानंद जी से एक भक्त जब ये सवाल करता है कि क्या ईश्वर से मन्नत मांगना ठीक है? क्या उनसे एसईए खाना ठीक है कि हमारा ये काम पूरा कर दें तो 500 रुपये चढ़ाएंगे। तब इस सवाल के जवाब में प्रेमानंद जी मुस्कुराते हुए वो बोलते हैं कि भगवान से मन्नत मांगना उचित नहीं है। भगवान तो बहुत बड़े दाता हैं और नीना मांगे ही हमारी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। यही नहीं उनसे मन्नत मांगने की बताए उन्हें अपना पिता मानते हुए उनसे चीजें मांगें।
भगवान को प्रलोभन देने के बजाय आपको यह बोलना चाहिए कि आप हमारे पिता हैं और हमारी समस्याओं का समाधान करें प्रभु आपके सिवाय हमारी परेशानियों को कौन समझेगा। जिस तरह से हम अपने पिता से अपना हक मानते हुए उनसे कहते हैं कि हमें इस चीज की जरूरत है और आप वो चीज हमें दीजिए उसी तरह से भगवान से भी यही बोलना चाहिए कि प्रभु हमारे जीवन में ये समस्या है उसका समाधान कीजिए, आप नहीं करेंगे तो और कौन करेगा। इसके बाद उन्हें भोग लगाना या कोई भी चीज चढ़ाना आपकी श्रद्धा है। भगवान से मन्नत मांगना प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार ठीक नहीं है।
View this post on Instagram
भगवान से मन्नत क्यों मांगी जाती है?
जब हम समस्याओं से घिरे होते हैं और हमें बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिखाई देता है, तो हम भगवान से मन्नत मांगते हैं। यह हमारी समस्याओं का समाधान पाने का एक तरीका माना जाता है और मन्नत से हम ईश्वर की कृपा पाने की आशा करते हैं। मन्नत मांगने से हमें अपनी बातें ईश्वर तक पहुंचाने का एक माध्यम मिलता है और यह एक प्रार्थना के रूप में भी काम करती है, जिससे हमारी समस्याएं भगवान तक पहुंचती हैं और इच्छाओं की पूर्ति होती है। कई बार लोग मन्नत पूरी होने पर किसी तीर्थ यात्रा पर जाने या ईश्वर को कोई चीज चढ़ाने का संकल्प भी लेते हैं। यह हमारी आस्था और विश्वास को दर्शाता है कि ईश्वर हमारी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
इसे जरूर पढ़ें: मन्नत पूरी होने पर जरूर करना चाहिए ये काम, ज्योतिष एक्सपर्ट से जानें
मन्नत पूरी होने पर क्या करना चाहिए?
आमतौर पर लोग कोई मन्नत मान लेते हैं और काम पूरा होने पर भी अपनी मानी हुई चीज को पूरा नहीं करते हैं और जिस स्थान पर भी जाने का संकल्प लिया होता है वहां नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसा करने से आपको आगे समस्याएं आ सकती हैं। लोग कई बार ऐसा सोचते हैं कि मन्नत पूरी होने के बाद कभी भी काम पूरा कर लेंगे और बाद में भूल भी जाते हैं। ऐसा करना शास्त्रों के अनुसार उचित नहीं माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि वैसे तो मन्नत मांगनी ही नहीं चाहिए और यदि आपने किसी वजह से कोई मन्नत मांगी है तो उसको पूरा जरूर करें। आप किसी भी ईश्वर से मन्नत मांगने पर हमेशा इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपकी मनोकामना पूरी हो जाने पर, जो कुछ भी आपने माना है उसको पूरा जरूर करें।
इसे जरूर पढ़ें: क्या बिना स्नान किए हुए लड्डू गोपाल की सेवा करना ठीक है? प्रेमानंद जी महाराज की कही ये बात आपको भी जान लेनी चाहिए
मन्नत मांगना एक आम बात है, लेकिन यदि हम प्रेमानंद जी की मानें तो आपको ईश्वर से मन्नत मांगने के बजाय उन्हें पिता मानते हुए उनके सामने अपनी इच्छाएं रखनी चाहिए।
आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Images: freepik.com
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों