Bhadrapad Amavasya Shubh Muhurat 2023: कब है भाद्रपद अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Bhadrapad Amavasya 2023 Date Shubh Muhurat and Significance: हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग केर अनुसार, साला में कुल 12 अमवस्या तिथियां आती हैं। इन्हीं अमावस्याओं में से एक है भाद्रपाद माह की अमावस्या।  

bhadrapad amavasya  ki puja vidhi

Amavasya Event: हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, साला में कुल 12 अमवस्या तिथियां आती हैं।

हालंकि इस बार अधिक मास के कारण एक अमावस्या तिथि ज्यादा पड़ी जिसकी वजह से इस साल कुल 13 अमावस्या तिथियों का योग बन रहा है।

इन्हीं अमावस्याओं में से एक है भाद्रपाद माह की अमावस्या जिसे भादों अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह अमावस्या बहुत ही महत्वपुर्ण है।

मान्यता है कि भादों की अमावस्या के दिन पूजा-पाठ और हवन-यज्ञ आदि अवश्य ही करने चाहिए क्योंकि इनका दोगुना व्यक्ति को फल मिलता है।

ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि कब है भाद्रपद अमावस्या। साथ ही, जानेंगे शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।

भाद्रपद अमावस्या 2023 तिथि (Bhadrapad Amavasya 2023 Tithi)

Bhadrapad Amavasya  Tithi

  • भाद्रपद अमावस्या तिथि आरंभ: 14 सितंबर, दिन गुरुवार (गुरुवार के उपाय), सुबह 4 बजकर 50 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या तिथि समापन: 15 सितंबर, दिन शुक्रवार, सुबह 7 बजकर 10 मिनट

भाद्रपद अमावस्या 2023 प्रदोष काल (Bhadrapad Amavasya 2023 Pradosh Kaal)

  • भाद्रपद अमावस्या प्रदोष काल आरंभ: 14 सितंबर, शाम 6 बजकर 28 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या प्रदोष काल समापन: 14 सितंबर, रात 8 बजकर 47 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या प्रदोष काल अवधि: 14 सितंबर, 2 घंटे 20 मिनट

भाद्रपद अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त (Bhadrapad Amavasya 2023 Shubh Muhurat)

Bhadrapad Amavasya  Shubh Muhurat

  • भाद्रपद अमावस्या ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 32 मिनट से 5 बजकर 19 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 41 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या विजय मुहूर्त: दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से 3 बजकर 10 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या गोधुली मुहूर्त: शाम 6 बजकर 28 मिनट से 6 बजकर 51 मिनट

भाद्रपद अमावस्या 2023 महत्व (Bhadrapad Amavasya 2023 Mahatva)

  • भाद्रपद अमावस्या के दिन पिंडदान या तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • साथ ही, पितृ दोष (पितृ दोष से मुक्ति के उपाय) से भी मुक्ति मिल जाती है। पितृ प्रसन्न होते हैं और कृपा बरसाते हैं।
  • इस दिन हवन-अनुष्ठान करने से व्यक्ति को कला सर्प दोष से भी छुटकारा मिल जाता है।

आप भी यहां इस लेख के माध्यम से भाद्रपद अमावस्या से जुड़ी समस्त जानकारी जैसे कि तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के अबरे में जान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: shutterstock, freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP