Kajari Teej 2025: 11 या 12 अगस्त, कब रखा जाएगा कजरी तीज का व्रत... जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Kajari Teej Shubh Muhurat 2025: मान्यता है कि कजरी तीज का व्रत करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और मधुरता बनी रहती है। इस दिन झूले झूलने, लोकगीत गाने और मेहंदी लगाने की परंपरा है जो इस त्योहार की खुशी को और भी बढ़ा देती है।
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कजरी तीज का पर्व विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही खास माना जाता है। यह व्रत पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि कजरी तीज का व्रत करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और मधुरता बनी रहती है। इस दिन झूले झूलने, लोकगीत गाने और मेहंदी लगाने की परंपरा है जो इस त्योहार की खुशी को और भी बढ़ा देती है। कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर पाने के लिए इस व्रत को करती हैं। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर कब रखा जाएगा इस साल कजरी तीज का व्रत, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।

कजरी तीज 2025 कब है?

कजरी तीज का व्रत रख रही हैं तो सही तिथि का पता होना आवश्यक है। कजरी तीज का व्रत भादों माह में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है।

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  • भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि आरंभ: 11 अगस्त, सोमवार के दिन, सुबह 10 बजकर 33 मिनट
  • भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि समापन: 12 अगस्त, मंगलवार के दिन, सुबह 8 बजकर 40 मिनट
  • कजरी तीज व्रत तिथि: उदया तिथि के अनुसार, 12 अगस्त को कजरी तीज मनाई जाएगी

कजरी तीज 2025 शुभ मुहूर्त

कजरी तीज के दिन पूजा का पूर्ण फल तभी मिलेगा जब आप पूजा शुभ मुहूर्त के अनुसार करें। ज्योतिष गणना के अनुसार, कजरी तीज पर कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:23 बजे से लेकर सुबह 05:06 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:38 बजे से दोपहर 03:31 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:03 बजे से शाम 07:25 बजे तक
  • निशीथ काल मुहूर्त: रात 12:05 बजे से रात 12:48 बजे तक

कजरी तीज 2025 महत्व

कजरी तीज का व्रत चंद्रमा से जुड़ा हुआ है। इस दिन महिलाएं चंद्र देव की पूजा करती हैं। चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और एक मजबूत चंद्रमा वैवाहिक जीवन में शांति और प्रेम लाता है। व्रत करने से कुंडली में कमजोर चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, जिससे पति-पत्नी के बीच तालमेल बेहतर होता है।

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ज्योतिष में विवाह और पति-पत्नी के रिश्ते के लिए सप्तम भाव को देखा जाता है। कजरी तीज का व्रत सप्तम भाव को मजबूत करता है, जिससे वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और पति की लंबी उम्र व अच्छी सेहत का वरदान मिलता है।

इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। गुरु ग्रह को विवाह और सौभाग्य का कारक माना जाता है। शिव-पार्वती की पूजा से गुरु ग्रह का आशीर्वाद मिलता है, जिससे विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन का योग बनता है।

इस व्रत को करने से महिलाओं के सौभाग्य में वृद्धि होती है। जो कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाना चाहती हैं, उनके लिए यह व्रत बहुत फलदायी होता है। कजरी तीज पर नीमड़ी माता की पूजा की जाती है। ज्योतिष के अनुसार, नीम का पेड़ राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को कम करता है।

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image credit:herzindagi

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FAQ

  • कजरी तीज के नियम क्या हैं?

    कजरी तीज के दिन निर्जला या फलाहार व्रत करना, सोलह श्रृंगार करना, शिव-पार्वती की पूजा करना, और चंद्रमा को अर्घ्य देना आदि इन नियमों का पालन करना चाहिए। 
  • कजरी तीज व्रत के दिन क्या दान करें?

    कजरी तीज के दिन, सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार सामग्री, कपड़े, और अनाज दान करना शुभ माना जाता है।