Ashadha Purnima Upay 2024: आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए इन उपायों को आजमाएं

Ashadha Purnima Jyotish Upay 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन आषाढ़ पूर्णिमा व्रत रखने की मान्यता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। 

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पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि के दिन आषाढ़ पूर्णिमा व्रत रखी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने की मान्यता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। महर्षि वेदव्यास को संसार का पहला गुरु माना जाता है। वेदव्यास जी का हिंदू धर्म की संस्कृति में विशेष योगदान रहा है। इस तिथि के दिन देवी-देवताओं के साथ-साथ सभी गुरु की पूजा करने से व्यक्ति को लाभ हो सकता है। बता दें, इस साल 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। वहीं इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए कुछ ऐसे उपाय हैं, जिसे करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पितरों के निमित्त करें तर्पण

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आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें और अगर संभव हो तो आप घर में ही पानी में गंगाजल जालकर स्नान कर सकते हैं। इसके बाद पितरों को यादकर उनके लिए जल में काले तिल, कुश से तर्पण करें। इससे पितृ तृप्त हो सकते हैं। तर्पण करते समय पितरों से कामना करें कि हे पितृगण, मैं आपको जल से तृप्त कर रहा हूं। आप सभी इससे प्रसन्न हों और तप्त हों।

आषाढ़ पूर्णिमा दिन पितरों के लिए बनाएं भोजन

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन अपने पितरों के लिए घर पर शुद्धि से भोजन बनाएं। इस भोजन का कुछ अंश गाय, कुत्ता आदि को खिलाएं। साथ ही पिंडदान अवश्य करें और जरूरतमंदों को दान करें। ऐसा करने से नाराज पितृ प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी मिलता है। साथ ही व्यक्ति को रोगदोष से भी छुटकारा मिल जाता है।

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आषाढ़ पूर्णिमा के दिन जलाएं चौमुखी दीपक

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आषाढ़ पूर्णिमा के दिन रात्रि में चंद्रमा को कच्चे दूध, पानी और सफेद फूल डालकर अर्घ्य देना चाहिए। इसके अलावा पूर्णिमा के दिन चौमुखी दीपक जलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही व्यक्ति को सभी देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है। इसके साथ ही इस तिथि के दिन पितृ स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।

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Image Credit- HerZindagi

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