आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के सामने कितने मुखी का दीपक जलाएं? जानें सही विधि और नियम

हिंदू धर्म में आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना विधिवत रूप से करने का विधान है। अब ऐसे में अगर आप भी मां लक्ष्मी की पूजा कर रहे हैं तो उनके सामने कितने मुखी दीपक जलाने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। इसके बारे में जानने के लिए हरजिंदगी के इस लेख को विस्तार से पढ़ें। 
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हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा कहा जाता है। इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन गुरु और मां लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सकता है। इस दिन चंद्रमा भी पूर्ण रहता है। जिसके कारण इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। अब ऐसे में अगर आप भी मां लक्ष्मी की पूजा कर रहे हैं तो इस दौरान कितने मुखी का दीपक जलाने से व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है। साथ ही विधि क्या है और नियम क्या है। इसके बारे में भी इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के सामने जलाएं पांच मुखी दीपक

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आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भी अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी के सामने पांच मुखी दीपक जलाने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है और आर्थिक परेशानियां दूर हो सकती है।

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के सामने जलाएं सात मुखी दीपक

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए सात मुखी दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। सात मुखी दीपक को सप्तमुखी दीपक भी कहते हैं, और यह समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सात का अंक कई शुभ अर्थों को दर्शाता है, जैसे सप्तऋषि, सप्तलोक, सप्ताह के सात दिन आदि। इसलिए, सात मुखी दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन दीपक जलाने की विधि क्या है?

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन विधिवत रूप से दीपक जलाने का विधान है।
मां लक्ष्मी के सामने बैठकर, मन में "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः" मंत्र का जाप करते हुए पांच और बत्तियों को जलाएं।
दीपक जलाने के बाद, मां लक्ष्मी को कुमकुम, चावल और पुष्प अर्पित करें।
पूजा करने के बाद कुछ देर तक मां लक्ष्मी के सामने थोड़ी देर तक बैठें।

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मां लक्ष्मी की पूजा में दीपक जलाने के नियम

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अगर आप आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा कर रहे हैं तो उनके लिए घी का दीपक जलाएं।
आप मां लक्ष्मी की पूजा ब्रह्म और संध्या काल में कर रहे हैं तो नियमित रूप से करें और पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप जरूर करें।

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Image Credit- HerZindagi

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