आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को संभालने की कोशिश में मानसिक तनाव, चिंता और बेचैनी होना आम बात हो गई है। आज के डिजिटल जमाने में लोगों के पास खुद के लिए समय ही नहीं है, जिसकी वजह से लोग मन को शांत रखने के लिए थेरेपी लेते हैं।
लेकिन, अगर आपके पास थेरेपी के लिए पैसे नहीं हैं और आपको मानसिक शांति चाहिए, तो आपको प्राचीन हिंदू ग्रंथों की तरफ देखना चाहिए। हिंदू धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है और यहां हजारों वेद-पुराण और ग्रंथ मौजूद हैं, जिनमें लिखे हुए मंत्र आपके शरीर ही नहीं बल्कि मन और आत्मा को भी शांति दे सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में 5 ऐसे हिंदू मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
1. ओम (ॐ)
ओम (ॐ) शब्द सबसे पवित्र है जिसे ब्रह्मांड की पहली और मूल ध्वनि माना जाता है। हिंदू धर्म में हर मंत्र की शुरुआत ओम से होती है। कहा जाता है कि ओम में पूरी सृष्टि की ऊर्जा और शक्ति समाई हुई है। जब आप ओम बोलते हैं, तो एक वाइब्रेशन पैदा होता है, जो शरीर और दिमाग़ को छूता है। रोजाना ओम मंत्र का जाप करने से मन शांत रहता है और तनाव कम होता है। मन के अंदर सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है और एकाग्रता बढ़ती है।
कैसे करें ओम का जाप?
आपको रोजाना आराम से बैठकर आंखें बंद करके धीरे-धीरे गहरी सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करना चाहिए। मंत्र बोलते समय आवाज पेट से शुरू हो और सिर पर कंपन महसूस होना चाहिए। आप चाहें तो इसे दिन में करीब 5 से 10 बार दोहरा सकते हैं।
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2. गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यम्
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्
इस मंत्र का मतलब है कि हम उस दिव्य शक्ति का ध्यान करते हैं, जो सृष्टि को बनाती है। वह शक्ति हमारी बुद्धि को सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करें।
गायत्री मंत्र क्या है और क्यों इतना खास है?
यह मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है और इसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र मंत्र माना जाता है। यह मंत्र हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाता है। गायत्री मंत्र को रोजाना करने से बुद्धि तेज होती है और रचनात्मक सोच बढ़ती है। मन की उलझन, डर और निराशा खत्म हो जाती है। यह मंत्र हमें खुद को समझने में मदद करता है। अगर आपका मन अशांत रहता है और बहुत सारे विचार आते हैं, तो यह मंत्र मन में ठहराव लाने में मदद करता है।
कैसे करें गायत्री मंत्र का जाप?
सुबह नहाने के बाद, सूर्योदय के समय गायत्री मंत्र का जाप करना बढ़िया रहता है। आपको एक शांत और साफ-सुथरी जगह पर बैठकर मंत्र का जाप करना चाहिए। पहले धीरे-धीरे गहरी सांस लें और फिर आंखें बंद करके पूरे ध्यान से मंत्र का जाप करें। आप शुरुआत में 3 बार जाप करें और धीरे-धीरे इसकी गिनती बढ़ा सकते हैं।
3. महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
इस मंत्र का मतलब है कि जिनकी तीन आंखें हैं, जो जीवन को बढ़ाते हैं और सभी जीवों की रक्षा करते हैं। हम उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे हमें मृत्यु और दुख के बंधन से आजाद करें।
क्या है महामृत्युंजय मंत्र?
यह मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है और इसे मृत्यु पर विजय पाने वाला माना जाता है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसका जाप तब किया जाता है, जब जीवन में किसी तरह का कष्ट, संकट, बीमारी, दुर्घटना या डर का सामना हो रहा हो। महामृत्युंजय मंत्र केवल शारीरिक सुरक्षा ही नहीं, बल्कि भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति भी देता है।
महामृत्युंजय मंत्र के फायदे
- अगर आपके मन में डर, चिंता या भय बना रहता है, तो आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
- किसी दुर्घटना या नुकसान के बाद, यह मंत्र भावनात्मक रूप से संभलने में मदद करता है।
- यह मंत्र आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा या बुरी नजर से रक्षा करता है।
- मानसिक शांति के लिए भी इस मंत्र का जाप करना सही रहता है।
कैसे करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप?
आप सुबह या शाम को कभी भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। इसके लिए शांत जगह पर बैठकर, आंखें बंद करके, गहरी सांस लेते हुए धीरे-धीरे महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। शुरुआत में आप 9 बार इसे बोल सकते हैं। फिर धीरे-धीरे 21, 51 और 108 बार कर सकते हैं।
4. शांति मंत्र
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मा कश्चिद् दुख भाग भवेत्
ॐ शांति शांति शांति
इस मंत्र का मतलब है कि सभी लोग सुखी रहें, स्वस्थ रहें, सभी को जीवन में अच्छाई देखने को मिले। कोई भी इंसान दुखी न हो। आखिर में हम तीन बार शांति कहते हैं, जो शरीर, मन और आत्मा तीनों में संतुलन की कामना है।
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शांति मंत्र के लाभ
- शांति मंत्र का जाप करने से मन के भीतर का डर और तनाव धीरे-धीरे कम होने लगता है।
- इस मंत्र को केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि सभी की भलाई के लिए भी करना बेहतर है।
- मन को शांत और संतुलित बनाए रखने के लिए शांति मंत्र का जाप करना सही रहता है।
कैसे करें शांति मंत्र का जाप?
एक शांत जगह पर आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद करके गहरी सांस लें। मंत्र को आप सुबह या शाम के समय धीरे-धीरे बोलें। जब 'ॐ शांति शांति शांति' कहें, तो ध्यान रखें कि आप शांति पहले अपने अंदर, फिर आस-पास और फिर पूरे संसार में भेज रहे हैं।
कब और क्यों करें शांति मंत्र का जाप?
- जब मन अशांत हो या किसी बात की चिंता सता रही हो।
- जब परिवार में तनाव या डर का माहौल हो।
- दिन की शुरुआत में सकारात्मक ऊर्जा के लिए।
- किसी शुभ काम की शुरुआत से पहले।
5. हरे कृष्ण महा मंत्र
हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे
इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान कृष्ण और भगवान राम को पुकारते हैं। उनसे प्रार्थना करते हैं कि हे प्रभु, मुझे अपने प्रेम और चेतना से जोड़ लें।
हरे कृष्ण मंत्र के फायदे
- जब आप हर दिन इस मंत्र का जाप करते हैं, तो मन हल्का, सकारात्मक और खुश महसूस करता है।
- तनाव, दुख और अकेलेपन को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
- जब मन भारी हो, तो इस मंत्र का जाप करने से शांति और अपनापन महसूस होता है।
कैसे करें हरे कृष्ण मंत्र का जाप?
आप चाहें तो जप माला (108 मनकों वाली) लेकर 108 बार जाप कर सकते हैं। आप इस मंत्र का जाप सुबह उठने के बाद और रात में सोने से पहले कर सकते हैं।
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