सिख धर्म के लोग क्यों रखते हैं कृपाण? जानें दिलचस्प कारण

आपने सिखों के पास हमेशा एक छोटा सा चाकू देखा होगा जो लड़की या लड़के दोनों के पास होता है। इसे ही सिख धर्म की भाषा में कृपाण कहा जाता है। 

What does Sikhism say about weapons

Why People Keep Knife In Sikh Religion: भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं। हर धर्म की अपनी खासियत है और उससे जुड़ी कई मान्यताएं भी मौजूद हैं। हर धर्म में कई नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना उस धर्म के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसी कड़ी में सिख धर्म की बात करें तो यहां भी इस धर्म के अनुयायियों को कई नियमों का पालन करना पड़ता है। इन्हीं नियमों में से एक है कृपाण रखना।

आपने सिखों के पास हमेशा एक छोटा सा चाकू देखा होगा जो लड़की या लड़के दोनों के पास होता है। इसे ही सिख धर्म की भाषा में कृपाण कहा जाता है। यूं तो किरपान रखने का सरल कारण है आत्मरक्षा लेकिन इसे रखने के पीछे धार्मिक महत्व भी जुड़ा हुआ है। इसी महत्व के बारे में हमें ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया कि जब उन्होंने इस बारे में अध्ययन किया तो उन्हें कई रोचक बातें पता चलीं। आइये जानते हैं उन्हीं से।

सिखों के लिए क्या है कृपाण की अहमियत?

Can Sikhs fly with a kirpan

सिखों के 10वे गुरु गुरु गोविंद सिंह जी ने सिख धर्म के अनुयायियों के लिए पांच चीजें महत्वपूर्ण बताई हैं। यह पांच चीजें केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा हैं। वहीं, कृपाण की बात करें तो यह दो शब्दों से बना है 'कृपा' और 'आन'। सिखों में कृपाण रखने को 'अमृत छकना' कहा जाता है।

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कृपाण रखने की शुरुआत असल में ऐसे हुई थी कि जब गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। उस दिन उन्होंने पांच सिख सजाये थे। उन सिखों को अमृत्य छकाया गया था। अमृत छकाने की भी एक विधि होती है। यह विधि सिखों के पवित्र धार्मिक (हिन्दू धर्म से जुड़ी रोचक बातें) माह में की गई थी।

Can a non Sikh wear a kirpan

विधि के अनुसार, पाठ (पूजा-पाठ के नियम) करते हुए यानी कि गुरबानी पढ़ते हुए एक बर्तन में बताशे घोले जाते हैं और जब वह बताशे पूरी तरह से घुल जाते हैं तब उसे उन सिखों को खिलाया जाता है। इसी विधि को करते हुए गुरु गोबिंद सिंह जी ने पांच सिखों को अमृत छकाया और उन्हें सिख नियमों में बांधा था।

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विशेष बात यह है कि जो भी सिख अमृत छकता है उसके लिए नॉन-वेज खाना, बाल कटवाना, झूठा खाना आदि वर्जित हो जाते हैं। साथ ही, अमृत छकने वाले सिख के लिए गुरबानी का पाठ करना आवश्यक होता है। कृपाण रखने से जुड़े इन सभी नियमों का पालन सिखों को करना होता है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर क्यों सिख धर्म के अनुयायी अपने पास रखते हैं किरपान और क्या है कृपाण रखने का धार्मिक महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: shutterstock

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