सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ उनके प्रिय भक्त और वाहन नंदी जी की पूजा का भी विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि नंदी जी ही भक्तों की प्रार्थनाओं और मनोकामनाओं को सीधे भगवान शिव तक पहुंचाते हैं। इसलिए, सावन में नंदी जी की पूजा करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। कई लोग नंदी जी के कान में अपनी इच्छाएं बोलते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इससे उनकी बात शिव जी तक अवश्य पहुंचती है। नंदी जी को धर्म और निष्ठा का प्रतीक भी माना जाता है और उनकी पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि सावन के दौरान शिवलिंग पर अलग-अलग वस्तुएं अर्पित करने के साथ ही कुछ चीजें नंदी की प्रतिमा पर भी अर्पित करनी चाहिए। इससे भगवान शिव आपकी पूजा स्वीकार करते हैं।
सावन के दौरान नंदी को अर्पित करें दूर्वा घास
सावन के दौरान नंदी पर एक या कुछ दूर्वा घास नंदी जी की प्रतिमा पर अर्पित करें। दूर्वा घास अर्पित करने से लंबी और स्वस्थ आयु का आशीर्वाद मिलता है। यह शारीरिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। दूर्वा घास भगवान गणेश को भी प्रिय है और इसे नंदी जी को चढ़ाने से गणेश जी की कृपा भी प्राप्त होती है जिससे रुके हुए कार्य पूरे होते हैं।
सावन के दौरान नंदी को अर्पित करें गुड़ रोटी
सावन में नंदी जी को हरी मूंग गलाकर या गुड़ मिलाकर रोटी खिलाना शुभ माना जाता है। यह आप किसी मंदिर में नंदी की प्रतिमा को या किसी बैल को भी खिला सकते हैं। हरी मूंग या गुड़ के साथ रोटी खिलाने से धन संबंधी समस्याओं का समाधान होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इससे परिवार में सुख-शांति आती है और घर में खुशहाली का माहौल बनता है। यह उपाय गृह क्लेश से मुक्ति दिलाने में भी सहायक माना जाता है।
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सावन के दौरान नंदी को अर्पित करें बेलपत्र
नंदी जी को बेलपत्र अर्पित करते समय ध्यान रखें कि बेलपत्र कहीं से भी कटा-फटा न हो और उसकी तीनों पत्तियां साबुत हों। आप बेलपत्र पर सफेद चंदन लगाकर भी नंदी जी को चढ़ा सकते हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार, पहला बेलपत्र नंदी जी के सिर पर रखा जाता है। बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और नंदी जी को बेलपत्र अर्पित करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है। यह पापों को दूर करने और पुण्य कमाने में भी सहायक माना जाता है।
सावन के दौरान नंदी को अर्पित करें दूध या जल
भगवान शिव के अभिषेक के बाद बचा हुआ जल या दूध नंदी जी के उस पैर पर अर्पित करें जो शिवलिंग की ओर बढ़ा होता है। आप नंदी जी को अलग से भी जल या दूध चढ़ा सकते हैं। नंदी जी को जल या दूध अर्पित करने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है। यह उपाय खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है जो किसी बीमारी से जूझ रहे हों। इससे मानसिक शांति भी मिलती है और मन शुद्ध होता है।
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