Sanatan and Science: पूजा-पाठ के दौरान यूं ही नहीं जलाते दीपक, जानें क्या है कारण

ऐसा माना जाता है कि बिना दीया जलाए कोई भी पूजा-पाठ संपन्न नहीं होता है। ऐसे में अगर आप भी समझते हैं कि पूजा-पाठ के दौरान दीया जलाना बस एक धार्मिक कार्य के अंतर्गत आता है तो यहां जानें दीया जलाने के पीछे के 3 मुख्य कारण क्या हैं।
benefits of lighting diya during puja path

पूजा-पाठ के दौरान हिन्दू धर्म में दीया जलाने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि बिना दीया जलाए कोई भी पूजा-पाठ संपन्न नहीं होता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में पूछा तो उन्होंने हमें इसके पीछे के तीन मुख्य कारण बताये जिनकी वजह से पूजा-पाठ में दीया प्रज्वलित करने की परंपरा स्थापित है। आइये जानते हैं इन तीन कारणों के बारे में विस्तार से।

पूजा-पाठ के दौरान दीया जलाने का क्या महत्व है?

पूजा-पाठ के दौरान दीया जलाने का आध्यात्मिक कारण यह है किजब भी हम किसी भी प्रकार की पूजा करते हैं फिर चाहे वह नियमित पूजा हो या विशेष अनुष्ठान, उस समय उस स्थान पर किसी भी प्रकार की दैवीय ऊर्जा उपस्थित नहीं होती है। पूजा-पाठ से हम देवी-देवताओं का ध्यान अपनी ओर खींचते अवश्य हैं, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि देवी-देवता पूजा स्थल पर आ जाते हों।

puja path ke dauran diya jalane ki kya vidhi hai

वहीं, पूजा-पाठ के दौरान या समापन के समय दीया जलाना दी-देवताओं के आवाहन के रूप में माना गया है। दीपक जलाने से देवी-देवताओं की दिव्य ऊर्जा का घर में संचार होता है।

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पूजा-पाठ के दौरान दीया जलाने का ज्योतिष कारण यह है कि दीये की लौ में अग्नि देव का वास होता है। अग्नि में क्षमता होती है नकारात्मकता को ख़त्म करने की। इसी करण से हिन्दू धर्म में मृतक का अग्नि संस्कार यानी कि दाह संस्कार करना आवश्यक माना गया है।

ऐसे में पूजा-पाठ के दौरान दीया जलाने से जहां एक ओर घर का वास्तु दोष दूर होता है, अग्नेय कोण मजबूत होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है तो वहीं, दूसरी ओर घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होने लगता है और अग्नि की पवित्रता से घर में सकारात्मकता का संचार बढ़ता है। शुभता का प्रवेश होता है।

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पूजा-पाठ के दौरान दीया जलाने का वैज्ञानिक कारण यह है कि दीपक प्रज्वलित करने से हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस नष्ट हो जाते हैं। साथ ही, पूजा-पाठ के दौरान जलाया गया दीपक हेयर प्यूरिफाई करने का भी काम करता है। दीया जलाने से हवा साफ होती है। पूजा-पाठ के दौरान जलाए गए दीपक से बीमार पैदा करने वाले जर्म्स दूर हो जाते हैं।

puja path ke dauran diya jalane ke kya labh hain

इसके अलावा, एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर घी से दीया जलाने से रोगाणुओं को फैलने से रोकने में मदद मिलती है। पूजा-पाठ के दौरान दीया जलाकर ध्यान लगाने से एकाग्रता बढ़ती है और मेमोरी पॉवर बेहतर बनती है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • पूजा-पाठ के दौरान कौन सा दीया जलाना चाहिए?

    पूजा-पाठ के दौरान घी का दीपक जलाना सबसे शुभ माना जाता है।