भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगते हैं और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि परिवर्तिनी एकादशी के दिन पूजा के दौरान श्री हरि विष्णु के समक्ष घी का दीया अवश्य जलाना चाहिए। आइये जानते हैं इसका महत्व एवं इससे मिलने वाले लाभ।
परिवर्तिनी एकादशी के दिन घी का दीया जलाने के क्या लाभ हैं?
- परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सामने घी का दीया जलाने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।

- हिन्दू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान विष्णु को पंचगव्य अर्पित करने से 1000 यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
- इसके अलावा, 10 हजार अनुष्ठानों के बराबर फल मिलता है। घी भी गाय के दूध से बनता है और पंचगव्य का ही एक हिस्सा है।
- ऐसे में भगवान विष्णु को घी चढ़ाने या उनके समक्ष घी का दीया जलाने से यज्ञों और अनुष्ठानों के समान फल की प्राप्ति होती है।
- वहीं, ज्योतिष शास्त्र की मानें तो हर खान-पान से जुड़ी वस्तु का नाता ग्रहों से होता है। ऐसे में घी का संबंध बृहस्पति ग्रह से है।
- परिवर्तिनी एकादशी के दिन अगर भगवान विष्णु के सामने घी का दीया जलाया जाए तो उनकी कृपा से गुरु ग्रह मजबूत होते हैं।

- गुरु ग्रह की कुंडली में स्थिति कमजोर है या फिर गुरु अशांत मुद्रा में बैठे हुए हैं तो भगवान विष्णु के सामने घी का दीया जलाएं।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीया जलाने का क्या महत्व एवं लाभ है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
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