परिवर्तिनी एकादशी को "आवर्तिनी एकादशी" और "धर्मा एकादशी" भी कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन उपवास रखने से मनुष्य के पाप समाप्त होते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। व्रति लोग इस दिन श्रीहरि की आराधना करते हैं, पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आपको बता दें, परिवर्तिनी एकादशी भाद्रपद माह की अंतिम एकादशी तिथि है। इस दिन विष्णु जी की विधिवत पूजा-अर्चना करने से उत्तम परिणाम मिलते हैं। अब ऐसे में इस साल परिवर्तिनी एकादशी कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त कब है और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
परिवर्तिनी एकादशी कब है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 सितंबर शुक्रवार के दिन रात 10 बजकर 30 मिनट से आरंभ हो रहा है और इस तिथि का समापन 14 सितंबर शनिवार के दिन रात 08 बजकर 41 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 14 सितंबर शनिवार के दिन रखा जाएगा।
एकादशी तिथि की शुरुआत - शनिवार 13 सितंबर को रात 10 .30 मिनट पर शुरू होगी ।
एकादशी तिथि समाप्ति - रविवार 14 सितंबर को रात 08 बजकर 41 मिनट पर होगी।
परिवर्तिनी एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त कब है?
14 सितंबर को रवि योग और शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप के करना उत्तम फलदायी माना गया है।
- रवि योग - रवि योग शाम 08 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।
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- शोभन योग - 13 सितंबर को रात 08 बजकर 49 मिनट से आरंभ होगा और इसका समापन 14 सितंबर को शाम 06 बजकर 18 मिनट पर होगा।
- राहुकाल - सुबह 09:11 बजे से 10:44 बजे तक है।
- विजय मुहूर्त - दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से 3 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 6 बजकर 27 मिनट से 6 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
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परिवर्तिनी एकादशी व्रत का महत्व क्या है?
परिवर्तिनी एकादशी के दिन व्रत रखने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। परिवर्तिनी एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही अगर आपके जीवन में कोई परेशानी चल रही है, तो उससे भी छुटकारा मिल जाता है।
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Image Credit- HerZindagi
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