इमारतों की छत या बालकनी की दीवारों पर अक्सर पीपल के छोटे-छोटे पौधे उग आते हैं। ये पौधे देखने में भले ही छोटे लगते हैं, लेकिन इनकी जड़ें बहुत तेजी से बढ़ती हैं और पूरे घर में फैल जाती है। इतना ही नहीं, यह बिल्डिंग की संरचना को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। ऐसी स्थिति में, पीपल के पौधे को हटाना बेहद जरूरी हो जाता है। हालांकि, कुछ लोग परेशान होकर पीपल के पौधे को हटाते समय कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उन्हें कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ जाता है। दरअसल, हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। कहते हैं कि इस वृक्ष में देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए, इसे हटाते समय अनजाने में की गई कोई भी गलती धार्मिक और व्यक्तिगत रूप से मुसीबतें बढ़ा सकती हैं। तो आइए ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि पीपल के पौधे को हटाते समय किन गलतियों से बचना चाहिए, ताकि आपको किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
पीपल का पौधा पवित्र क्यों माना गया है?
पीपल का पेड़ त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश का निवास स्थान माना जाता है। मान्यता है कि इसकी जड़ों में ब्रह्मा, तने में विष्णु और ऊपरी भाग में शिव का वास होता है। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और साढ़ेसाती व ढैय्या के बुरे प्रभाव कम होते हैं। पितृ पक्ष में भी पीपल की पूजा पितरों को शांति प्रदान करने वाली मानी जाती है। इन धार्मिक मान्यताओं के कारण इसे सीधे उखाड़ना या काटना अशुभ माना जाता है।
पीपल के पौधे को हटाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां
अगर आपकी छत या दीवार पर पीपल का पौधा उग आया है, तो उसे हटाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि किसी भी तरह के अशुभ प्रभाव से बचा जा सके।
पीपल के छोटे पौधे को भी सीधे जड़ से खींचकर या काट कर नहीं हटाना चाहिए। यह सबसे बड़ी गलती है। ऐसा करने से देवी-देवताओं का अपमान माना जाता है और पितरों को भी कष्ट हो सकता है। यह घर में नकारात्मक ऊर्जा ला सकता है।
रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है और इस दिन पीपल को छूना या हटाना अशुभ माना जाता है। यह दरिद्रता और रोग को न्यौता दे सकता है। इसे हटाने के लिए सबसे अच्छा दिन शनिवार माना जाता है, जब सूर्य अस्त हो जाए।
पीपल के पौधे को बिना पूजा-पाठ किए नहीं हटाना चाहिए। इसे हटाने से पहले विधि-विधान से पूजा करना अत्यंत आवश्यक है। ऐसा न करने से घर में अशांति, आर्थिक समस्याएं और बीमारियां बढ़ सकती हैं।
हटाए गए पीपल के पौधे को कूड़ेदान में फेंकना या जलाना घोर पाप माना जाता है। इससे पितृ दोष लग सकता है और घर में नकारात्मक शक्तियों का वास हो सकता है।
यदि कोई व्यक्ति पीपल के पौधे को हटा रहा है, तो उसके प्रति किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार या अपमानजनक शब्द नहीं बोलने चाहिए। यह भी अशुभ माना जाता है।
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पीपल के पौधे को नियम का पालन किए बिना हटाने से क्या होता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, छत या बालकनी की दीवार पर उगे पीपल के पौधे को गलत तरीके से हटाने से कई तरह के नकारात्मक प्रभाव और नुकसान हो सकते हैं। पीपल के पेड़ को अत्यंत पवित्र और देववृक्ष माना गया है। इसलिए, इसे हटाने में की गई कोई भी चूक अशुभ मानी जाती है। पीपल का संबंध पितरों से माना जाता है। यदि इसे बिना विधि-विधान के या अनादरपूर्वक हटाया जाता है, तो इससे पितृ दोष लग सकता है। पीपल में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का भी वास माना जाता है। इसे गलत तरीके से हटाने से धन हानि, व्यापार में घाटा और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। घर में दरिद्रता आ सकती है। पीपल को अचानक या क्रोध में हटाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है। इसे अनुचित तरीके से हटाने से सौभाग्य में कमी आ सकती है और जीवन में असफलताएं बढ़ सकती हैं। पीपल के पौधे को हटाते समय ज्योतिषीय मान्यताओं का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसे सम्मानपूर्वक और उचित विधि-विधान से हटाना ही उचित माना जाता है ताकि किसी भी तरह के नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके और घर में सुख-समृद्धि बनी रहे।
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