ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक छाया ग्रह माना गया है, जो जीवन में अचानक उत्पन्न होने वाली बाधाओं, भ्रम और मानसिक अशांति का कारक होता है। राहु जब कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को निर्णय लेने में कठिनाई होती है, उसका मन चंचल रहता है और जीवन में रुकावटें आती हैं। ऐसे में एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली उपाय है, आइए एस्ट्रोलॉजर सिद्धार्थ एस.कुमार से जानते हैं उस बारे में।
बुधवार का महत्व
बुधवार को बुध ग्रह का दिन माना जाता है, जो बुद्धि, वाणी और व्यवहार का प्रतीक है। जब राहु की नकारात्मकता व्यक्ति की सोच और निर्णय क्षमता पर असर डालती है, तो बुध की ऊर्जा उस मानसिक अस्थिरता को संतुलन में लाती है।
साथ ही, बुधवार भगवान गणेश का दिन भी है। गणेश जी को "विघ्नहर्ता" यानी हर प्रकार की बाधा को दूर करने वाला देवता माना जाता है। जब आप बुधवार को स्वच्छता जैसे शुभ कार्य करते हैं, विशेषकर अपने हाथों से, तो यह एक प्रकार का कर्म साधन बन जाता है जो राहु द्वारा उत्पन्न विघ्नों को दूर करने में सहायक होता है।
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शनिवार और राहु का संबंध
शनिवार शनि देव का दिन है, जो कर्म, न्याय, अनुशासन और तपस्या के प्रतीक हैं। शनि राहु के साथ मिलकर कई बार जीवन में गहराई से असर डालते हैं। खासतौर पर शनि-राहु की युति या दृष्टि से कुंडली में गंभीर बाधाएं उत्पन्न होती हैं।
इसलिए शनिवार को मेहनत और सेवा का कोई भी कार्य जैसे स्वयं सफाई करना , राहु और शनि दोनों को संतुलित करता है। शास्त्रों में कहा गया है कि शनिवार को राहु का दिन भी माना जाता है क्योंकि दोनों ग्रह अधोगामी ऊर्जा से संबंधित हैं और कर्मों के माध्यम से शुद्ध होते हैं।
बाथरूम का ज्योतिषीय और ऊर्जात्मक महत्व
बाथरूम वास्तु और ऊर्जा के दृष्टिकोण से एक ऐसा स्थान है जहां नकारात्मक ऊर्जा सबसे ज्यादा एकत्र होती है। यह स्थान जल, गंदगी और अपशिष्ट से जुड़ा होता है, जो राहु की प्रकृति का प्रतिनिधित्व करता है। राहु गंदगी, रहस्य, छुपी हुई चीजें और अव्यवस्था से जुड़ा ग्रह है।
जब आप बाथरूम को स्वयं साफ करते हैं, तो यह न केवल आपके स्थान की शुद्धता बढ़ाता है, बल्कि मानसिक, आत्मिक और ऊर्जात्मक स्तर पर भी एक शुद्धिकरण होता है।
यह कार्य एक प्रकार की तपस्या मानी जाती है, क्योंकि आप अपने सबसे निजी और 'अशुद्ध' समझे जाने वाले स्थान को अपने हाथों से स्वच्छ बना रहे हैं। यही वह कर्म है जो राहु को प्रसन्न करता है और उसे शुभ फल देने के लिए प्रेरित करता है।
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उपाय का प्रभाव और लाभ
इस उपाय के नियमित अभ्यास से आपको निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:
मानसिक शांति: राहु का सीधा असर मन और मस्तिष्क पर होता है। जब आप नियमित रूप से इस उपाय को अपनाते हैं, तो भ्रम, तनाव और बेचैनी धीरे-धीरे कम होती है।
विघ्नों में कमी: बुधवार को भगवान गणेश की कृपा और शनिवार को शनि-राहु की संतुलनकारी शक्ति मिलकर जीवन की रुकावटों को हटाती है।
नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: बाथरूम की सफाई के माध्यम से आप अपने घर से नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करते हैं, जिससे समग्र ऊर्जा सकारात्मक बनती है।
आत्मबल और अनुशासन: यह उपाय आपको कर्म की महत्ता सिखाता है और अपने जीवन में अनुशासन, स्वच्छता और नियमितता लाने में मदद करता है।
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