एक बार फिर भारत समेत दुनिया भर में कोविड-19 ने दस्तक दे दी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट NB.1.8.1 है और इसका पॉजिटिविटी रेट 11% से ज्यादा देखा गया है। अच्छी बात यह है कि वैक्सीनेशन और पहले हुए वायरस की वजह से हमारे शरीर में अभी भी कुछ हद तक इम्यूनिटी मौजूद है, इसलिए यह वैरिएंट अब तक ज्यादा जानलेवा साबित नहीं हुआ है। लेकिन, सावधानी बरतना अभी भी जरूरी है।
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि हमें फिर से मास्क पहनने, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने, हाथों को सैनिटाइज करने और कोई भी लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करने की आदत डालनी होगी। वहीं, आजकल बाजार में नकली मास्क काफी बिक रहे हैं, खासकर N95 और KN95 जैसे मास्क के नाम पर। ये मास्क दिखने में तो असली लगते हैं, लेकिन ये सुरक्षित नहीं होते।
आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि असली और नकली मास्क की पहचान कैसे करें
क्यों जरूरी है असली और भरोसेमंद मास्क पहनना?
साल 2020 में जब पहली बार कोविड-19 भारत में आया था, तब इससे बचने के लिए लोगों ने मास्क लगाना और हाथों को सैनिटाइज करना शुरू किया था। कोरोना से बचने के लिए N95 मास्क बनाए जाते हैं, जो हवा में मौजूद 95% हानिकारक कणों को रोकने में सक्षम होते हैं। ये मास्क केवल दिखने में अलग नहीं होते, बल्कि इन्हें खास तरीके से टेस्ट करके अमेरिका में National Institute for Occupational Safety and Health जैसी संस्थाएं प्रमाणित करती हैं। भारत में यह काम भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) द्वारा किया जाता है।
असली मास्क है या नकली? लेबल और सर्टिफिकेट से पहचानें
- असली N95 मास्क पर NIOSH लिखा होता है और साथ में एक कोड नंबर भी होता है।
- भारत में बने N95 मास्क पर BIS का ISI मार्क लगा होता है।
- मास्क पर कंपनी का नाम, मॉडल नंबर, बैच या लॉट नंबर साफ-साफ लिखा होता है।
- असली मास्क पर लिखा होता है कि वह किस सुरक्षा स्टैंडर्ड को फॉलो करता है। जैसे- NIOSH-42CFR84 (अमेरिका के लिए) और IS 9473:2002 (भारत के लिए)।
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नकली मास्क की पहचान कैसे करें?
आपको ध्यान देना होगा कि नकली N95 मास्क पर गलत, धुंधला या सर्टिफिकेशन से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दर्ज होती है।
नकली और असली मास्क में फर्क कैसे करें?
- अगर आप ध्यान देंगे तो मास्क के डिजायन और उसके Construction को देखकर भी आप असली और नकली का फर्क कर सकते हैं।
- असली N95 मास्क में आम तौर पर दो स्ट्रैप होते हैं, जो सिर के पीछे बंधते हैं। इससे मास्क चेहरे पर अच्छे से फिट हो जाता है और हवा अंदर नहीं जाती है। यदि मास्क में केवल ईयर लूप्स हैं, तो आपको समझ जाना चाहिए कि यह नकली N95 हो सकता है।
- असली N95 मास्क में बिना बुना हुआ कपड़ा होता है और उसमें 3 या उससे ज्यादा लेयर होती हैं, जबकि नकली मास्क का कपड़ा पतला, सस्ता और अजीब सा होता है।
- असली मास्क में एक मजबूत और एडजस्टेबल नोज क्लिप होती है, जिससे मास्क नाक पर अच्छे से फिट रहता है, जबकि नकली मास्क में नोज क्लिप अच्छे से फिट नहीं होती है।
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Image Credit - freepik
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