पेट में गैस बनना या एसिडिटी होना काफी आम समस्या है। लेकिन, यह खराब पाचन की तरफ इशारा करती है और इसका असर हमारी पूरी सेहत पर होता है। अगर कुछ भी खाते ही आपको खट्टी डकारे आने लगती हैं या सीने में जलन महसूस होती है, तो यह सही नहीं है। अक्सर डॉक्टर इससे निपटने के लिए खाली पेट एंटासिड खाने की सलाह देते हैं। लंबे समय तक इसे खाना आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि इसमें एच2 ब्लॉकर्स होते हैं। ये शरीर में कैल्शियम, आयरन और विटामिन-बी12 के लेवल को कम कर सकते हैं। ऐसे में एसिडिटी को कम करने और डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतों में राहत पाने के लिए, आपको देसी नुस्खों की मदद लेनी चाहिए। इसके साथ ही, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव भी काफी हद तक आपकी मुश्किल को कम कर सकते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे बदलावों के बारे में बता रहे हैं, जो एसिडिटी, खट्टी डकार और सीने में जलन को कम करने में कारगर हैं। इस बारे में डाइटिशियन मनप्रीत जानकारी दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
एसिडिटी से बचने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव
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- एक्सपर्ट का कहना है कि एसिडिटी से बचने के लिए दवाइयों पर निर्भर रहने के बजाय आपको लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने चाहिए। इससे एसिडिटी नहीं होगी और गट हेल्थ भी दुरुस्त होगी।
- हैवी मील्स खाने के बजाय कम अंतराल में छोटे-छोटे मील्स खाएं। इससे पेट ज्यादा नहीं भरता है और पेट में अतिरिक्त एसिड का प्रोडक्शन नहीं होता है।
- फ्राइड फूड्स यानी तला-भुना खाना कम से कम खाएं। इससे पेट आसानी से साफ होता है और एसिड रिफ्लक्स कम होता है।
- अधिक मिर्च-मसाले वाले खाने से बचें। यह खाना डाइजेशन पर बुरा असर डालता है। इससे ईसोफेगस में होने वाले इरिटेशन कम होती है और एसिडिटी नहीं होती है।
- खाने के तुरंत बाद न लेटें। अगर आप खाना खाने के तुरंत बाद लेट जाते हैं, तो खाना सही से नहीं पचता है। खाना खाने के तुरंत बाद वॉक करें। इससे ग्रेविटी, पेट के एसिड को सही जगह रखने में मदद करती है और एसिड रिफ्लक्स नहीं होता है।
- पेट भरकर या भूख से अधिक खाने के बजाय, जितनी भूख हो, उसका 80 प्रतिशत ही खाएं। इससे गैस्ट्रिक प्रेशर कम होता है और एसिड रिफ्लक्स के चांसेज भी कम होते हैं।
- खाने के साथ पानी न पिएं। खाने के साथ पानी पीने से पेट का एसिड पतला होने लगता है और डाइजेशन सही से नहीं हो पाता है।
- डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी डाइजेशन को सुधारने में मदद करती हैं।
एसिडिटी को कम करने और गट हेल्थ को सुधारने में एक्सपर्ट के बताए ये बदलाव मदद कर सकते हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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