Toilet Vastu: ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में घर के टॉयलेट को नकारात्मक और सकारात्मक शक्तियों का केंद्र बताया गया है। अगर टॉयलेट सही दिशा में बना है तो यह घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार करता है और अगर इसकी दिशा गलत है तो यह वास्तु दोष उत्पन्न कर घर में नकारात्मकता को बढ़ावा देता है।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का ये कहना है कि घर के टॉयलेट यानी कि शौचालय द्वारा पनपी हुई नकारात्मक ऊर्जा घर के हर एक सदस्य को परेशान करती है और परिवार के जन जन को भारी नुकसान भुगतने पड़ जाते हैं।
यहां तक कि घर की उन्नति में भी बाधा आती है और व्यक्ति की तरक्की तक रुक जाती है। ऐसे में समय रहते टॉयलेट के वास्तु दोष को फौरान दूर कर लेना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि घर के टॉयलेट से जुड़ी कौन सी बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
- घर का शौचालय दक्षिण या नैऋत्य कोण के मध्य भाग में स्थिति होना चाहिए।

- शौचालय का निर्माण इस तरह से हो कि उस पर बैठने वाले व्यक्ति का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर रहे।
- अगर आपका शौचालय घर से बाहर है तो इसे बनाने की सही दिशा पश्चिम या उत्तर या फिर वायव्य कोण।
- टॉयलेट में अगर आप प्लास्टिक का मग्गा रखते हैं तो उसके बदले स्टील का लोटा रखें।
- ध्यान रहे कि स्टील का लोटा उत्तर एवं पूर्व कोण में ही रखें।

- घर के मध्य भाग या ईशान कोण में टॉयलेट बिलकुल नहीं होना चाहिए।
- घर के आग्नेय कोण में शौचालय होना भी वास्तु के विपरीत माना जाता है।
- साथ ही, टॉयलेट की टंकी दक्षिण, पश्चिम या नैऋत्य कोण में हो तो शुभ मानी जाती है।
- घर का टॉयलेट कभी भी किचन, बेडरूम या पूजा वाले कमरे के पास नहीं होना चाहिए।

- यहां तक कि किचन, बेडरूम या पूजा घर के ऊपर या नीचे भी नहीं होना चाहिए।
तो ये थे टॉयलेट से जुड़े कुछ जरूरी नियम जिनके पालन से आप वातु दोष की चपेट में आने से बाख सकते हैं। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें।धर्म और त्यौहारों से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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Image Credit: Freepik, Herzindagi
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