हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी में, एक शांतिपूर्ण घरेलू वातावरण ही खुशहाली के लिए ज़रूरी माना जाता है। हालांकि कई बार आपके घर पर बिना बजह लड़ाई-झगड़े भी होने लगते हैं और उनका कारण पता कर पाना भी मुश्किल होता है। ऐसे में लड़ाइयों को सुलझाने के साथ आपको वास्तु दोषों से बचने की भी जरूरत होती है। वास्तु एक्सपर्ट डॉ मधु कोटिया बताती हैं कि आपके घर में मौजूद कई ऐसे वास्तु दोष हो सकते हैं जो आपके जीवन में आने वाली समस्याओं का कारण हो सकते हैं। एक तरफ जहां विवादों को सुलझाने के लिए आपसी समझ जरूरी होती है, वहीं वास्तु शास्त्र का प्राचीन विज्ञान हमारे रहने की जगहों की ऊर्जा गतिशीलता के बारे में भी जानकारी देता है। अपने घर को वास्तु सिद्धांतों के अनुसार व्यवस्थित करके, आप घर पर होने वाले झगड़ों को कम कर सकते हैं। आइए यहां जानें कुछ ऐसे ही वास्तु दोषों के बारे में जो आपके घर में आने वाली समस्याओं का कारण बन सकता है।
गलत दिशा में टॉयलेट होना
- गलत दिशा में स्थित टॉयलेट जैसे कि उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में मौजूद टॉयलेट आपके घर के वास्तु में गंभीर असंतुलन पैदा कर सकता है।
- उत्तर-पूर्व दिशा को घर का आध्यात्मिक कोना माना जाता है और इस स्थान पर पूजा का मंदिर रखना ही शुभ माना जाता है।
- यदि आप इस दिशा में टॉयलेट बनाते हैं तो बिना वजह ग़लतफ़हमी और मानसिक अशांति हो सकती है। यही नहीं इससे तनावपूर्ण रिश्ते पैदा हो सकते हैं। इसी प्रकार दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी टॉयलेट नहीं होना चाहिए।
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किचन और टॉयलेट की दीवार एक होना
- जब किचन और टॉयलेट की दीवार कॉमन होती हैं तो ये भी आपके घर के लिए वास्तु दोष पैदा कर सकता है। किचन को अग्नि का और टॉयलेट को जल का प्रतीक माना जाता है।
- घर में इन दोनों ही जगहों की ऐसी व्यवस्था आपके घर में होने वाले लड़ाई-झगड़ों का कारण बन सकती है।
अशुभ दिशाओं में मुख्य द्वार
- घर का मुख्य द्वार ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना जाता है। यदि यह दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम जैसी दिशाओं में स्थित होता है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है।
- इसके साथ ही घर के मुख्य द्वार पर आपको कभी भी गन्दगी या कूड़ा इकठ्ठा नहीं रखना चाहिए, ये भी वास्तु दोष का कारण बन सकता है।
घर के उभरे हुए किनारे
- घर में उभरे हुए किनारे वास्तु के अनुसार। वेध दोष' पैदा कर सकते हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा बन सकता है।
- ये तीखे कोण रिश्तों में तनाव और बेचैनी की भावना पैदा कर सकते हैं, जिससे परिवार के सदस्यों के बीच लड़ाइयां हो सकती हैं।
बेड़रूम की गलत दिशा
- यदि आपके बेडरूम की दिशा गलत होती है तब भी आपके जीवन में समस्याएं आने लगती हैं। ऐसे ही आपको इस बात का ध्यान रखने की भी जरूरत है कि सोते समय पैर दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होने चाहिए।
- इसके अलावा आपको खुले बीम के नीचे सोने के लिए भी मन किया जाता है, इससे जीवन में तनाव आ सकता है। इससे व्यक्ति की नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है और लड़ाइयां बढ़ सकती हैं।
- आपको बेडरूम में शीशा भी नहीं रखना चाहिए, यह भी आपकी उन्नति में बाधा बन सकता है और घर में लड़ाइयों का कारण होता है।
लाल और काले रंगों का प्रयोग
- लाल रंग अग्नि तत्व से जुड़ा है, जबकि काला रंग अंधकार और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।
- घर में मुख्य रूप से बेडरूम या लिविंग रूप में इन रंगों का अत्यधिक प्रयोग परिवार के सदस्यों के बीच चिंता और वाद-विवाद को बढ़ा सकता है।
पूजा कक्ष का अनुचित स्थान
- पूजा कक्ष को हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए, इस दिशा को आध्यात्मिकता की दिशा माना जाता है।
- यदि पूजा कक्ष गलत दिशा में होता है, जैसे सीढ़ियों के नीचे या दक्षिण दिशा में, तो इससे घर में लड़ाई-झगड़े बढ़ सकते हैं और आपसी कलह हो सकती है।
- पूजा कक्ष कभी भी टॉयलेट के आस-पास भी नहीं होना चाहिए। इससे भी घर पर वास्तु दोष लग सकता है।
अगर आपके घर में भी लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं तो आपको यहां बताए वास्तु दोषों को दूर करना चाहिए।
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