बच्चों की गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं। जाहिर है वे आपसे बाहर घूमने की जिद करते होंगे। अगर आपके बच्चे मॉल्स और वॉटर पार्क घूम कर बोर हो चुके हैं तो इस समर विकेशन आप बच्चों को थोड़ा हिस्ट्री से रू-ब-रू कराएं। खासतौर पर अगर आप भारत की राजधानी दिल्ली में रह रही हैं तो आपको बच्चों को दिल्ली में मौजूद मुगलों द्वारा बनवाए कुछ मॉन्यूमेंट्स जरूर दिखाने चाहिए।
वैसे तो दिल्ली में बहुत सी एतिहासिक इमारते हैं जिनकी अपनी अलग-अलग रोचक कहानियां हैं मगर हुंमायूं का मकबरा इनमें सबसे रोचक है। यहां मुगल फैमिले के कई सदस्यों के मकबरें है इसके साथी यहां कई बुर्ज भी बने हैं। इन बुर्जों में से एक सब्ज बुर्ज सबसे खास है। बीते दिनों पूरातत्व सर्वेक्षण आगा खान ट्रस्ट के तहत इस बुर्ज में मुगलकालीन खजाना मिलने का दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि इस खजाने में सेने की पेंटिंग मिली हैं। वैसे हुंमायूं टोम्ब ही नहीं बल्कि दिल्ली में ऐसी कई मुगल इमारतें मौजूद हैं जहां जाकर आपके बच्चों को इतिहास की रोचक कहानियां सुनने को मिलेगी। चलिए कुछ इमारतों के बारे में हम आपको बताते हैं।
लाल किला
इस इमारते के बारे में बच्चों ने किताबों में बहुत पढ़ा होगा। इसके बारे में पढ़ना जितना रोचक है उतनी ही रोचकता इसे देखने में भी महसूस होती है। इस इमारत का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने 1638 में करवाया था। इस किले को बनने में 10 वर्ष लगे और 1648 में यह बन कर तैयार हो गया। आपको जान कर हैरानी होगी कि उस वक्त यह किला 1 करोड़ रुपए में बन कर तैयार हुआ था। जब भारत में अंग्रेजों ने कब्जा किया तो सबसे पहले इस किले पर अपने देश का झंडा फहरा कर इस बात की सूचना दी गई थी इसके बाद जब 1947 में देश आजाद हुआ तो इसकी सूचना भी लाल किले पर झंडा फहरा कर दी गई थी।
पुराना किला
शेर शाह सूरी ने जब हुंमायुं को हरा कर दिल्ली जीता था तो इस किले का निर्माण कराया था मगर कुछ ही समय बाद हुंमायुं ने फिर से शेर शाह सूरी का हरा कर दिल्ली पर कबजा कर लिया था। इसके बाद हुंमायुं ने इस किले का विस्तार करवाया। इस किले की सीढि़यों से गिर कर ही हुंमायु की मौत भी हुई थी। यहां हिस्ट्री के अलावा बोटिंग की भी व्यवस्था है। यहां मौजूद तलाब के अंदर जब खुदाई की गई थी तब यहां से भी खजाना मिला था।
सफदरजंग टोम्ब
अगर आप दिल्ली में किसी ऐसे स्थान की तलाश में हैं जहां आपको शांति और साफ सफाई नजर आए तो आप सफदरजंग टोम्ब जा सकते हैं। सफदरजंग टोम्ब भी मुगल पीरियड के दौरान ही अवध के सूबेदार सफदरजंग के नाम पर बनवाया गया था। यह टोम्ब हुंमायुं के मकबरे की रेपलिका है।
चांदनी चौक
शाहजहां की बेटी जहांनारा ने इस मार्केट को डिजाइन किया था। दिल्ली की यह सबसे फेमस मार्केट हैं। यहां घर की जरूरता का सारा सामान मिलता है मगर शॉपिंग के अलावा यहां आप बच्चों को गालिब की हवेली, बेगम समरू का महल, घंटेवाला हवेली और फतेहपुरी मस्जिद देखने को मिल जाएगी। इनमें से फहतेपुरी मस्जिद 17वीं शताब्दी की है। यह मस्जिद शाहजहां की एक वाइफ फतेहपुरी बेगम ने बनवाई थी।