हिन्दू महाकाव्य रामायण के बारे में देश का बच्चा-बच्चा जानता है। इसी नाम पर आधारित होगा एक ट्रेन का नाम। जी हां, भारतीय रेल ने एक अनोखी ट्रेन चलाने का एलान किया है। इस ट्रेन का नाम होगा ‘रामायण एक्सप्रेस’। अपने नाम की ही तरह यह ट्रेन भगवान राम और सीता से जुड़ी जगहों की यात्रा कराएगी। रेलवे मंत्रालय के अनुसार यह ट्रेन देश में भगवान राम और सीता से जुड़े सभी महत्वपूर्ण स्थानों की यात्रा कराएगी।
रामेश्वरम
कब होगी शुरू
भारतीय रेलवे के अधिकारी के मुताबिक, ‘इस ट्रेन को चलने के लिए 14 नवंबर का दिन चुना गया है। यह ट्रेन दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन से चलना शुरू होगी और इस ट्रेन का आखरी पड़ाव तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम होगा। दिल्ली से चल कर यह ट्रेन आयोध्या, हनुमान गढ़ी, रामकोट, नंदीग्राम, सीतामढ़ी, जनकपुर, वाराणसी, प्रयाग, श्रीरंगवीरपुर, नासिक, हंपी और आखिर में रामेश्वरम जाएगी।’ रामायाण एक्सप्रेस 16 दिन में यह सारे स्थान यात्रियों को घुमाएगी।
सीतामढ़ी
क्या हैं सुविधाएं
रामायण एक्सप्रेस से सफर करने वाले सभी यात्रियों को अपने सफर की शुरुआत दिल्ली से करनी होगी और इसके बाद उनके रहने, खाने यहां तक की स्थान को घुमाने तक की जिम्मेदारी भारतीय रेलवे उठाएगी। इस टूर में रेलवे मंत्रालय का टूर मैनेजर और उसकी टीम भी साथ में सफर करेगी। इस ट्रेन की बेस्ट बात यह होगी कि एक बार पैकेज लेने के बाद यात्रियों को किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। इस ट्रेन में 800 सीटें होंगी और यह ट्रेन पूरी तरह से एसी होगी।
श्रीलंका घूमने का भी मिलेगा अवसर
रेलवे मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार,‘ रामायण एक्सप्रेस से दो भागों मे यात्रा कराई जाएगी। पहले भाग में केवल भारत में मौजूद जगहों की यात्रा होगी और दूसरे भाग में श्रीलंका के उन स्थानों की यात्रा कराई जाएगी जहां पर भगवान राम और सीता ठहरे थे। इसके लिए भारत से श्रीलंका तक का सफर फ्लाइट से तय किया जाएगा। श्रीलंका में कैंडी, नुवारा एलिया, कोलंबो और नेगोम्बो जैसे स्थानों की यात्रा कराई जाएगी।’
क्या होगा पैकेज
जो यात्री केवल देश में मौजूद भगवान राम और सीता से जुड़े स्थानों की यात्रा करना चाहेंगे उनको 39800 रुपए कीमत का पैकेज खरीदना होगा वहीं जो लोग श्री लंका जाना चाहते हैं उन्हें 47600 रुपए कीमत का पैकेज खरीदना होगा।
हम्पी
किस जगह का क्या है महत्व
अयोध्या : अयोध्या को भगवान श्री राम की जन्म भूमि माना जाता है। यहां भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बना है। इस मंदिर को ही भगवान राम की जन्म भूमि कहा जाता है।
सीतामढ़ी : यह स्थान बिहार में है और ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सीता का जन्म हुआ था। यहां पुनौरा धाम एक मंदिर है। बताया जाता है कि यहां राजा जनक का महल हुआ करता था और उसी महल में माता सीता का बचपन बीता था। यहां पर एक भव्य मंदिर भी बना हुआ है जिसे देखने दूर दूर से लोग आते हैं।
वाराणसी: वाराणसी की रामलीला पूरे देश भर में मशहूर है। 14 वर्ष के वनवास पर जब राम जी निकले थे तो कुछ वक्त वाराणसी में भी ठहरे थे।
हंपी: हम्पी के साथ एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है, स्थानीय लोगों और लोककथाओं के अनुसार, इस क्षेत्र को रामायण में पौराणिक किष्किन्दा वानर राज्य कहा जाता था और यह वह जगह है जहां राम और लक्ष्मण ने सीता की खोज करने के लिए लंका जाने से पहले पनाह ली थी.
रामेश्वरम: रामेश्वरम वह स्थान है, जहां से समुद्र के रास्ते भगवान राम अपनी वानर सेना के साथ लंका पहुंचे थे और रावण को मार कर सीता जी को वापिस अयोध्या लेकर आए थे। इस जगह आज भी राम सेतु के प्रमाण मिलते हैं।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों