Hemkund Sahib Travel Guide:हेमकुंड साहिब यात्रा की शुरुआत 25 मई से हो गई है। यह यात्रा 10 अक्टूबर 2025 तक चलेगी। यह जगह सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। इसलिए पंजाब के पटियाला से हजारों लोग हेमकुंड के दर्शन का प्लान बना रहे हैं। यह एक आकर्षित गुरुद्वारा है, जो उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। अगर आप यहां जाने का प्लान बना रही हैं, तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि हेमकुंड साहिब ऊंचाई पर स्थित है। लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस जगह पर पहुंचने के लिए आपको लंबा ट्रेक करना पड़ता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको पटियाला से हेमकुंड साहिब यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
पटियाला से हेमकुंड कैसे पहुंचे? (Patiala to Hemkund Sahib Road Trip)
पटियाला से हेमकुंड साहिब की दूरी लगभग 246 किमी है। यहां का पूरा सफर आप गाड़ी से कर सकते हैं। आधा सफर बस या कार से होगा और इसके बाद आपको पैदल यात्रा करनी होगी। पटियाला से हेमकुंड तक जाने के लिए आपको गोविंदघाट तक गाड़ी की सुविधा मिलती है। गोविंदघाट पहुंचने के बाद आपको पैदल यात्रा शुरू करनी होगी। गोविंदघाट से आप घांघरिया जाएंगी, इसके बाद 13 किमी की पैदल यात्रा करने के बाद हेमकुंड पहुचेंगी। गोविंदघाट से हेमकुंड का सफर 19 किमी का है, जिसे आपको पैदल पूरा करना होगा। आप अपनी बाइक या कार से भी गोविंदघाट तक पहुंच सकती हैं, इसके बाद पैदल यात्रा शुरू करें।
हेमकुंड साहिब यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखें?
- हेमकुंड साहिब यात्रा तक पहुंचने का रास्ता इतना आसान नहीं है। इसलिए अगर आप स्कूटी से जा रही हैं, तो बारिश के दौरान सेफ्टी का ध्यान रखें। अगर बारिश तेज है या कई घंटों से हो रही है, तो कोशिस करें कि स्कूटी रोककर बारिश के रुकने का इंतजार करें।
- अंधेरा होने के बाद बारिश के मौसम में गाड़ी न चलाएं। क्योंकि, पहाड़ों पर सड़कों पर सही से ध्यान देना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिती में आप होटल लेकर कहीं रात गुजार सकती हैं।
- कोशिश करें कि स्कूटी या बाइक से सफर न करें। कार से सफर करना आपके लिए सुरक्षित होगा।
- ऊंचाई पर स्थित होने की वजह से सभी चीजें मिलने मुश्किल है, इसलिए अपनी जरूरत का सामान साथ लेकर चलें।
- होटल से निकलने से पहले मौसम और सड़कों की जानकारी ले लें। क्योंकि, कई बार बारिश की वजग से पहाड़ों के पत्थर सड़कों पर आ जाते हैं, जिससे सड़कें बंद हो जाती है।
- यह एकधार्मिक यात्राहै, इसलिए आप यहां यात्रा के दौरान सभ्य कपड़े पहनकर जाएं।

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image credit- freepik
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