भारत में तीज-त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। यहां हर त्योहार की एक अलग कहानी और अलग मान्यता है। त्योहारों पर बड़ों से लेकर छोटों तक सभी को गिफ्ट देने का रिवाज भी बहुत बड़ा है। किसी को तोहफा देना है, तो भी ऐसा होना चाहिए जिससे परेशानी ना हो। लोगों को गिफ्ट देने और ना देने को लेकर भी कई तरह के नियम हैं। हमारे लिए ऐसा भी नियम है कि हम जिस भी चीज को गिफ्ट कर रहे हैं, वह शास्त्रों के हिसाब से सही है या नहीं।
खासतौर पर अगर दिवाली की बात करें, तो कुछ भी गलत आइटम गिफ्ट करने से लक्ष्मी माता के रुष्ट हो जाने की गुंजाइश भी रहती है। शास्त्रों में बताया गया है कि किस चीज को गिफ्ट करना कितना अच्छा है और ऐसे में अगर आप किसी को कोई गलत चीज तोहफे में दे देते हैं, तो उसका असर आपके जीवन में भी होता है।
दिवाली बस आने को ही है और यह त्योहार देश के कोने-कोने में मनाया जाता है। ऐसे में कार्तिक महीने के दौरान आप भी अपनों को अगर कुछ गिफ्ट करना चाहें, तो उसमें गणपति की मूर्ति ना गिफ्ट करें। यह सिर्फ गणपति तक ही सीमित नहीं है, आपको इस दौरान किसी भी भगवान की मूर्ति तोहफे में नहीं देनी चाहिए। इसके पीछे क्या कारण है वह प्रसिद्ध एस्ट्रोलॉजर आचार्य रवि कुमार सरदाना ने बताया है।
इसे लेकर उन्होंने एक पूरा वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है।
आचार्य रवि कुमार सरदाना के अनुसार, ग्रह प्रवेश में, दिवाली पर, किसी और उपलक्ष्य में गणेश जी की मूर्ति देना सही नहीं है। उनका कहना है कि गिफ्ट हमें वही देना चाहिए जो सामने वाले की जरूरत के हिसाब से हो। जब आप गणपति की मूर्ति किसी को गिफ्ट करते हैं, तो आप अपने भाग्य का एक हिस्सा भी गिफ्ट कर रहे हैं। गणेश भगवान रिद्धि, सिद्धि और बुद्धि के देवता होते हैं और ऐसे में किसी को उनकी मूर्ति देना मतलब अपने हिस्से का यह सब कुछ सामने वाले को देना।
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इसके पीछे का दूसरा कारण यह है कि हमारे शास्त्र मानते हैं कि जब भी किसी भगवान की मूर्ति घर आए तो उसका विधि विधान से पूजन हो। पर जब भी हम किसी को गणपति की मूर्ति देते हैं, तो ऐसा हो यह जरूरी नहीं है। कई बार लोगों के पास इतनी मूर्तियां आ जाती हैं कि उन्हें अलमारी में बंद करके रख दिया जाता है। उनकी सही तरह से पूजा-अर्चना नहीं की जाती है। इसका दुष्प्रभाव आपके जीवन में भी पड़ता है क्योंकि आपने ही उनको वो मूर्तियां गिफ्ट की थीं।
ऐसे में आपको खासतौर पर गणेश जी की मूर्ति तो किसी को गिफ्ट नहीं करनी चाहिए। वैसे तो आपको किसी भी देवी-देवता की मूर्ति गिफ्ट करने से बचना चाहिए।
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आपके घर में अगर मूर्ति है, तो आप या तो उसे मंदिर में स्थापित कर पूजा-पाठ कर सकते हैं या फिर आप अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो आप उस मूर्ति को किसी मंदिर में दान भी दे सकते हैं जहां उसकी ठीक तरह से पूजा हो।
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आपको गिफ्ट में आई मूर्ति की पूजा करनी है, तो वह की जा सकती है, लेकिन अगर वह मूर्ति प्लास्टिक की है या कांच की है या फिर किसी ऐसे सिंथेटिक मटेरियल की है जो शुद्ध नहीं माना जाता, तो उसकी पूजा नहीं की जा सकती है। शास्त्रों के हिसाब से मूर्ति पूजा में पत्थर, संगमरमर, तांबा, सोना, चांदी, पंचधातु, क्रिस्टल आदि की मूर्तियों की पूजा की जाती है। लोहे की मूर्ति की पूजा भी करना सही नहीं है।
जिन मूर्तियों की पूजा नहीं की जा सकती है आप उन्हें अपने मंदिर से बाहर, लेकिन किसी शुद्ध स्थान पर रखें और आदर करें।
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Image Credit: Freepik/ Popli Brass Shop/ Gold Gift Ideas
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