दक्षिण दिशा की ओर मुख करके क्यों नहीं करना चाहिए भोजन? जानें क्या कहता है शास्त्र

किसी भी दिशा का ज्योतिष में बहुत अधिक महत्व होता है। यदि आप ज्योतिष की मानें तो दिशाओं से निकलने वाली ऊर्जा हमारे शरीर की ऊर्जा को प्रभावित करती है जिससे शारीरिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। 

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शास्त्रों में कई ऐसी बातों का जिक्र किया गया है जो हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती हैं। घर में कोई भी सामान रखने से लेकर दैनिक क्रियाओं तक के लिए शास्त्रों के नियमों का पालन जरूरी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यदि आप जीवन में इन बातों का पालन करते हैं तो आपके जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

ऐसे ही भोजन बनाने से लेकर भोजन को ग्रहण करने तक के लिए कुछ विशेष नियम हैं जिनका जिक्र महारे शास्त्रों में किया गया है। जैसे भोजन को हमेशा जमीन पर बैठकर ग्रहण करना चाहिए, भोजन करते समय बात नहीं करनी चाहिए और सबसे ज्यादा प्रमुख बात है भोजन सही दिशा में बैठकर ही करना चाहिए।

जब भी जिक्र भोजन की सही दिशा का होता है तब सबसे ज्यादा दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन न करने की बात की जाती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इसके बारे में विस्तार से।

सही दिशा में बैठकर भोजन करना क्यों है जरूरी

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जब हम भोजन की बात करते हैं तब सही दिशा में बैठकर ही खाना खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जब हम खाना उचित दिशा में बैठकर करते हैं तो सेहत से जुड़े कई फायदे होते हैं। दिशा के प्रभाव से आपके भोजन का पोषण कई गुना बढ़ जाता है।

इस तरह का भोजन आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करता है। जब आप ठीक दिशा में बैठकर भोजन करते हैं तो आपके परिवार के समस्त लोगों के बीच सामंजस्य बना रहता है। आपसी झगड़ों से मुक्ति मिलती है और भोजन का पूर्ण लाभ मिलता है।

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ज्योतिष के अनुसार सभी दिशाओं का महत्व

किसी भी काम के लिए सही दिशा का होना जरूरी माना जाता है। ऐसे ही जब हम भोजन करते हैं तब सही दिशा होने की वजह से आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है और शरीर पर इसके सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, वहीं यदि आप गलत दिशा में बैठकर भोजन करते हैं तो इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। ज्योतिष की मानें तो हर एक दिशा का विशेष महत्व है और हर काम की एक निश्चित दिशा।

आपको इन्हीं दिशाओं में बैठकर कोई भी काम करने की सलाह दी जाती है। प्रत्येक दिशा विशिष्ट ऊर्जाओं, देवताओं और ब्रह्मांडीय शक्तियों से जुड़ी होती है। इन्हीं कारणों से भोजन के लिए भी कुछ दिशाएं निर्धारित की गई हैं और इनका पालन भी जरूरी होता है।

जिस प्रकार उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करना भोजन समेत कई अन्य गतिविधियों के लिए भी अनुकूल माना जाता है उसी प्रकार दक्षिण की ओर मुख करके भोजन आपके लिए नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन क्यों नहीं करना चाहिए

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जब हम भोजन करने के लिए सही दिशा की बात करते हैं तो कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भोजन करने की सलाह नहीं दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिशा में किया गया भोजन शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालने के स्थान पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और इससे कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।

दरअसल दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है और इस दिशा की तरफ मुख करके भोजन करने से आपके पितर नाराज हो सकते हैं। इसके साथ ही ज्योतिष में दक्षिण दिशा को पारंपरिक रूप से मृत्यु के देवता यम से भी जोड़ा जाता है।

यम देव को दक्षिणी क्षेत्र का संरक्षक माना जाता है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र का प्रतीक हैं। इसी वजह से इस दिशा की तरफ मुख करके भोजन करने की मनाही होती है।

दक्षिण दिशा की तरफ बैठकर भोजन करने से पाचन में होता है असर

ज्योतिष की मानें तो दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से शरीर के भीतर प्राकृतिक पाचन प्रक्रिया बाधित हो सकती है। वैदिक सिद्धांतों के अनुसार, पाचन अग्नि या ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं से प्रभावित होता है और दक्षिण की ओर मुख करने से यह संतुलन बाधित हो सकता है। धारणा यह है कि इस तरह के व्यवधान से अपच, पेट में सूजन और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसी वजह से इस दिशा में भोजन न करने की सलाह दी जाती है।

दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन न करने के वैज्ञानिक कारण

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अक्सर देखा जाता है कि खाने की आदतें और स्थिति आमतौर पर वैज्ञानिक सिद्धांतों के बजाय सांस्कृतिक और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं से अधिक प्रभावित होती हैं। अगर हम विज्ञान की मानें तो इसका कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है और यह हमारी व्यक्तिगत पसंद है कि हमें दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भोजन करना चाहिए या नहीं।

ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भोजन के दौरान दक्षिण की ओर मुख करने से नकारात्मक ऊर्जा के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है और सकारात्मक ब्रह्मांडीय कंपन के अवशोषण में बाधा आती है। अतः इस दिशा में भोजन न करना ही बेहतर है। हालांकि विज्ञान के अनुसार ये आपकी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है।

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Images:Freepik.com

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