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Hindu Beliefs: गीले कपड़ों में ही क्यों की जाती है मंदिर की परिक्रमा

हिन्दू धर्म में मंदिर की परिक्रमा लगाना बहुत शुभ और लाभकारी माना गया है। मान्यता से पहले स्नान करना चाहिए फिर गीले कपड़ों में ही परिक्रमा लगानी चाहिए। आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण।  
Editorial
Updated:- 2023-05-15, 11:08 IST

Gile Kapdon Mein Kyu Hoti Hai Parikrama: हिन्दू धर्म में मंदिर में परिक्रमा लगाने का अत्यंत महत्व है। बिना मंदिर या भगवान की परिक्रमा लगाए पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है।

वहीं, ऐसा नियम भी है कि परिक्रमा से पहले स्नान अवश्य करना चाहिए और फिर गीले कपड़ों में ही परिक्रमा लगानी चाहिए। हालांकि यह नियम पवित्र नदियों के तट पर बसे मंदिरों में अनिवार्य है।

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि जो मंदिर पवित्र नदियों के पास बसे हैं वहां परिक्रमा से पहले स्नान करना चाहिए और उसके बाद गिले वस्त्रों में ही परिक्रमा लगानी चाहिए।

  • ऋग्वेद के अनुसार, परिक्रमा को संस्कृत में प्रदक्षिणा कहा जाता है। इस शब्द में 'प्र' का अर्थ है आगे बढ़ना। वहीं, दक्षिणा का अर्थ है चारों दिशाओं में से एक दक्षिण दिशा की ओर आगे बढ़ना।
  • पौराणिक मान्यताओं और धर्म-ग्रंथों एवं शास्त्रों के अनुसार, मंदिर स्थल या शक्ति स्थल की ऊर्जा को ग्रहण करने के लिए घड़ी की सूईं की दिशा (वास्तु में दिशाओं का महत्व) में चारों ओर परिक्रमा लगानी चाहिए।

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  • हिन्दु धर्म में बताया गया है कि देव स्थान की ऊर्जा एक भंवर की तरह काम करती है। इस ऊर्जा में एक दिव्य कंपन होती है जो व्यक्ति को अपनी ओर खींचती है।
  • ये ऊर्जा व्यक्ति के भीतर प्रवेश करती है। वहीं, परिक्रमा करने से भगवान के साथ संबंध स्थापित होता है।

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  • भगवान के साथ इसी संबंध को जोड़ने का काम करती है उस देव स्थान की ऊर्जा। देव स्थान की ऊर्जा शरीर में प्रवेश कर हमें भगवान के समीप ले जाती है।
  • भगवान की दिव्यता का अनुभव कराती है। मान्यता है कि उस ऊर्जा को शरीर तभी झेल सकता है जब वह भीगा हुआ यानि कि गीला हो। गीले शरीर में ऊर्जा वास करती है।

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  • गीले शरीर की कंपन और ऊर्जा की कंपन जब मिलती है तब शरीर की नकारात्मकता (नकारात्मक ऊर्जा हटाने के उपाय) झड़ने लगती है और व्यक्ति के शरीर में सकारात्मकता स्थापित होती है। उसे भगवान के समीप होने का एहसास होता है।
  • ऐसा नहीं है कि सूखे कपड़ों में परिक्रमा लगाना गलत है लेकिन दोनों तरह से परिक्रमा लगाने का अपना-अपना अलग महत्व है। सूखे कपड़ों में परिक्रमा लगाने भी उतना ही शुभ है जितना गीले कपड़ों में।

तो इसलिए गिले कपड़ो में ही परिक्रमा करना माना गया है सर्वश्रेष्ठ। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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