हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। यह पूरा महीना बहुत पावन माना जाता है और इसमें भगवान् शिव की पूजा को महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह महीना शिव पूजन के साथ- साथ नवविवाहित लड़कियों के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है।
इस माह से जुड़े कई ऐसे रीति-रिवाज हैं जिनका सदियों से पालन होता चला आ रहा है। सावन में जहां कुंवारी लड़कियां हाथों को मेहंदी से सजाती हैं वहीं विवाहित स्त्रियां सोलह श्रृंगार करके गौरी और शिव का पूजन करती हैं।
इसके साथ ही जिनके लिए शादी के बाद का पहला सावन होता है वो और ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान नवविवाहित लड़कियों को अपने मायके जरूर जाना चाहिए, जिससे उनके और समस्त परिवार के बीच खुशहाली बनी रहती है। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें कि इस प्रथा का महत्व क्या है।
मायके और ससुराल में सामंजस्य बना रहता है
शादी के बाद पहले सावन में नवविवाहित लड़कियों का अपने मायके आना बहुत शुभ माना जाता है। ये बहुत ही अत्भुत परंपरा है इस परंपरा का पालन करने से मायके और ससुराल दोनों की स्थिति ठीक रहती है।
मान्यता है कि बेटी का भाग्य उसके मायके के भाग्य से जुड़ा होता है और बेटियों का भाग्य घर के भाग्य को नियंत्रित करता है। इस परंपरा को करने से पारिवारिक जीवन में खुशियां आती है घर में सुख समृद्धि आती है। वहीं इससे मायके और ससुराल दोनों के बीच सामंजस्य भी बना रहता है।
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मायके में आती है खुशहाली
ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि लड़कियां घर के लिए बहुत शुभ होती हैं और उनकी स्थिति से घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता है। जब लड़कियां शादी करके ससुराल जाती हैं तो कुछ दिनों तक मायके में शांति का माहौल बन जाता है। ऐसे में जब पहले सावन में लड़कियां मायके आती हैं तो उनके मायके में खुशहाली आती है।
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दाम्पत्य जीवन में बनी रहती है खुशहाली
ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी बताती हैं कि अगर शादी के बाद लड़कियां पहला सावन अपने मायके में मनाती हैं तो पति को दीर्घायु का वरदान मिलता है। इससे उनका दांपत्य जीवन बहुत ही अच्छा रहता है और दोनों के बीच प्रेम बना रहता है उनके विवाहित जीवन के लिए ये बहुत अच्छा माना जाता है।
धार्मिक कारण
सावन हिंदू धर्म में एक पवित्र महीना माना जाता है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने को नवविवाहित लड़कियों को अपनी मां के सानिध्य में बिताने से उनके जीवन में सदैव आशीर्वाद और सौभाग्य बना रहता है।
शादी के बाद पहले सावन में क्या करें
यदि शादी के बाद पहले सावन में लड़कियां अपने मायके आती हैं और घर में तुलसी का नया पौधा लगाती हैं तो मायके के साथ ससुराल में भी सदैव खुशहाली बनी रहती है। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है।
पहले सावन में नई दुल्हन के मायके जाने के फायदे
सावन में लड़कियां मायके आकर अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिता सकती हैं। यह उन दुल्हनों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो शादी के बाद मायके से काफी दूर रहती हैं।
प्राचीन काल में ये प्रथा इसलिए बनाई गई थी क्योंकि ससुराल में लड़कियों को बहुत काम करना पड़ता था। ऐसे में यदि वो कुछ दिनों के लिए अपने मायके चली आती थीं तो कुछ आराम मिल जाता था। तभी से ये एक मुख्य रस्म मानी जाने लगी।
हालांकि पहले सावन में मायके जाना है या नहीं, ये एक व्यक्तिगत फैसला है, लेकिन ज्योतिष की मानें तो शादी के बाद लड़कियों को पहला सावन मायके में ही मनाना चाहिए।
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