क्या आप जानती हैं मानसून में क्यों बढ़ जाती है उमस? जानिए इसके पीछे का साइंस

What is the reason behind increasing humidity in rainy season: मानसून में उमस से परेशान होने की शिकायत ज्यादातर लोग करते नजर आते हैं। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि आखिर मानसून में उमस क्यों बढ़ जाती है? अगर नहीं, तो आइए इसका पूरा साइंस इस आर्टिकल में समझते हैं।
why humidity rises after rain

Why humidity increase after rain: मानसून का मौसम कितना सुहाना और प्यारा लगता है। आसमान में काले-काले बादल दिल को सुकून देते हैं, लेकिन जब वह बरसते नहीं हैं तो हाथ लगती है सिर्फ उमस। जी हां, जहां एक तरफ बारिश की बूंदें ठंडी हवा देती हैं और दिल गार्डन-गार्डन हो जाता है। वहीं, बारिश नहीं होने या थोड़ी-बहुत होने के बाद उमस बढ़ जाती है। उमस की वजह से ज्यादा पसीना आता है, शरीर चिपचिपा हो जाता है और कई बार तो सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में दिमाग में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर यह उमस होती ही क्यों है?

अगर माथे का पसीना पोछते हुए आपके भी दिमाग में यह सवाल बार-बार आता कि क्यों इस मौसम में उमस इतनी ज्यादा हो जाती है? तो आप सही जगह पर हैं। क्योंकि, यहां हम बताने जा रहे हैं कि मानसून में उमस इतनी क्यों बढ़ जाती है और इसके पीछे की साइंटफिक वजह क्या है।

क्यों मानसून में बढ़ जाती है उमस?

मानसून में उमस बढ़ने के पीछे बहुत ही सीधा लॉजिक है। दरअसल, जब मानसून आता है तो हवाएं समुद्र से भारी मात्रा में भाप यानी जलवाष्प अपने साथ लेकर आती हैं। यह जलवाष्प ही हमारे आस-पास यानी वातावरण में नमी को बढ़ा देता है। वहीं, जब तापमान ज्यादा होता है और वातावरण में नमी भी होती है तो उमस महसूस होती है। इसी उमस की वजह से शरीर से निकलने वाला पसीना जल्दी सूख नहीं पाता और चिपचिपाहट-बैचेनी होने लगती है।

इसके अलावा एक यह भी वजह है कि आसमान में जब बादल होते हैं और बारिश नहीं होती, तब भी Atmosphere यानी वातावरण में नमी ज्यादा बन जाती है। नमी की वजह से हवा भारी हो जाती है और ठंडी हवा का प्रवाह रुकने लगता है। जहां हवा रुकती है, वहीं उमस ज्यादा होने लगती है। उमस की समस्या खासकर शहरों में होती हैं, जहां कंक्रीट और टार की सड़के होती हैं।

थोड़ी-सी बारिश के बाद क्यों बढ़ जाती है उमस?

why humidity increase in monsoon

कई लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि पहली या थोड़ी-बारिश होने के बाद उमस क्यों बढ़ जाती है, तो बता दें इसके पीछे पूरा साइंस काम करता है। इस बात में तो कोई दो राय नहीं है कि तपती और चिलचिलाती गर्मी की वजह से धरती गर्म हो जाती है। ऐसे में जब उसपर बारिश के पानी की बूंदें पड़ती है, तो धरती से भाप निकलती है। इसी भाप की वजह से उमस होती है।

इसे भी पढ़ें: आसमान से गिरने वाली बिजली में कितने वाट का होता है करंट? आखिर क्यों जमीन पर गिरकर हो जाती है जानलेवा और मानसून सीजन में आप क्या करें?

आप चाहें तो इसे एक किचन एक्सपेरिमेंट से भी समझ सकती हैं। जैसे आपने तवा गैस पर गर्म होने के लिए रखा और फिर इसपर पानी की छींटे दे मारी। तब तवे से भाप या धुआं निकलता है, इसी तरह हमारी धरती भी पानी की छींटे पड़ने पर रिएक्ट करती है।

उमस में क्यों आता है पसीना?

what is the reason behind humidity in monsoon

शरीर से पसीना आना एक नेचुरल प्रक्रिया है। ऐसा माना जाता है कि शरीर का तापमान सामान्य तौर पर 37 डिग्री सेल्सियस होता है। लेकिन, जब 37 डिग्री से ज्यादा टेंपरेचर बाहर का हो जाता है, तो शरीर को ठंडा रखने के लिए पसीना निकलना शुरू हो जाता है। उमस में नमी और गर्मी की वजह से पसीना निकलने की प्रक्रिया थोड़ी तेज हो जाती है। वहीं, उमस में कुछ लोगों की शिकायत होती है कि उन्हें बहुत पसीना आ रहा है, तो यह सेहत के लिए ठीक माना गया है।

इसे भी पढ़ें: आंधी-तूफान के बीच फंस जाएं तो करें ये काम, जरा-सी सावधानी से बच सकती है आपकी जान!

हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।

अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

Image Credit: Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP