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Maha Kumbh 2025: किसी भी अखाड़े के महामंडलेश्वर का खर्च कौन उठाता है? जानें यहां

Mahamandleshwar: पूर्व बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया है। एक्ट्रेस के महामंडलेश्वर बनने के बाद से लोगों के मन में कई तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं। ऐसे में आपके मन में भी ये सवाल जरूर आया होगा कि महामंडलेश्वर कैसे बनते हैं? किसी भी अखाड़े के महामंडलेश्वर का खर्च कौन उठाता है?
Editorial
Updated:- 2025-01-31, 17:11 IST

Who Bears Expenses of Mahamandaleshwar: जब से महाकुंभ और ममता कुलकर्णी चर्चाओं में आए हैं, तब से एक शब्द बहुत सुनने को मिल रहा है। यह शब्द है महामंडलेश्वर। हाल ही में पूर्व बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया है। अब एक्ट्रेस का नाम बदलकर श्री यमई ममता नंदगिरी हो चुका है। 24 जनवरी को ममता का पट्टाभिषेक किया गया था। ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के बाद से लोगों के मन में कई तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि महामंडलेश्वर कैसे बनते हैं? किसी भी अखाड़े के महामंडलेश्वर का खर्च कौन उठाता है?

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महामंडलेश्वर का पद होता है प्रभावशाली 

 

 

 

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पूरे भारत में 13 अखाड़े काम करते हैं, जिनका हिंदु धर्म में विशेष महत्व है। सभी अखाड़ों में महामंडलेश्वर का मपद सबसे प्रभावशाली होता है। एक महामंडलेश्वर की सवारी चांदी के सिंहासन पर छत्र-चंवर लगाकर ही निकलती है। इस पद को ग्रहण करने से पहले एक व्यक्ति को पांच स्तरीय जांच, ज्ञान-वैराग्य की परीक्षा से होकर गुजरना पड़ता है। इस पद पर बैठने के बाद उन्हें प्रतिबंध से जीवनभर बंधकर रहना होता है। वहीं, अगर कोई इन नियमों का पालन नहीं करता, तो उसे अखाड़े से बेदखल भी किया जा सकता है। 

महामंडलेश्वर कैसे बनते हैं?

यदि कोई व्यक्ति किसी भी अखाड़े में संन्यास और महामंडलेश्वर का पद ग्रहण करने की इच्छा से जाता है, तो उसे अपनी सभी तरह की जानकारी देनी पड़ती है। इसके पश्चात, अखाड़े के थानापति उस व्यक्ति की अच्छे से जांच-पड़ताल करते हैं। थानापति जब अपनी रिपोर्ट पेश करते हैं, उसके बाद अखाड़े के सचिव व पंच फिर से अपनी एक अलग जांच करते हैं। इन सभी जांच पर खरा उतने के बाद ही किसी शख्स को महामंडलेश्वर का पद दिया जाता है। 

यह विडियो भी देखें

महामंडलेश्वर को खर्च कौन देता है?

 

 

 

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हिंदू धर्म में शंकराचार्य का पद सबसे बड़ा माना जाता है। इसके बाद महामंडलेश्वर महामंडलेश्वर का पद हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व रखता है। किसी भी अखाड़े में यह सबसे बड़ा और जिम्मेदारी का पद है। अखाड़ों की अर्थव्यवस्था की बात करें, तो यह बहुत ही बड़ी होती है। इस अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए भी अलग-अलग पद होते हैं। महामंडलेश्वर का खर्चा अलग-अलग स्रोतों से मिले पैसे से चलता है। हर अखाड़े के पास अपनी जमीन, मंदिर, आश्रम और कई तरह की संपत्ति होती है, जिससे उनकी आय होती है। इसी से पूरे अखाड़े के साथ-साथ महामंडलेश्वर का भी खर्च चलता है। 

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