शिवलिंग पर कब नहीं चढ़ाना चाहिए जल?

हिन्दू धर्म में भगवान शिव की पूजा का बहुत महत्व माना जाता है। शास्त्रों में ऐसा वर्णित है कि रोजाना शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।

shivling par jal kis samay nahi chadhana chahiye
shivling par jal kis samay nahi chadhana chahiye

Shivling Par Jal Kab Nahi Chadhana Chahiye: हिन्दू धर्म में भगवान शिव की पूजा का बहुत महत्व माना जाता है। भगवान शिव की पूजा मुख्य रूप से शिवलिंग के रूप में की जाती है। शास्त्रों में ऐसा वर्णित है कि रोजाना शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। मगर क्या आपको पता है कि शिवलिंग पर कब जल नहीं चढ़ाना चाहिए। चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

शिवलिंग पर जल किस समय नहीं चढ़ाना चाहिए?

when not to offer water to shivling

शिवलिंग पर जल चढ़ाना जितना शुभ माना जाता है उतना ही इससे जुड़े कुछ नियम भी हैं जिनका पालन आवश्यक है। इसी कड़ी में आता है शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही समय। शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पर कभी भी संध्याकाल के समय या रात में जल नहीं चढ़ाना चाहिए।

हालांकि प्रदोष व्रत या शिवरात्रि के दौरान प्रदोष काल में शिवलिंग की पूजा करना शुभ माना गया है और प्रदोष काल रात के समय ही आरंभ होता है, लेकिन प्रदोष कल में भी आप भगवान शिव की पूजा तो कर सकते हैं मगर शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ा सकते। यह अशुभ होता है।

शिवलिंग पर सूर्यास्त के समय या उसके बाद चढ़ाया हुआ जल विष के समान माना गया है। इसके अलावा, शास्त्रों और विशेष रूप से शिव पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि शिवलिंग के श्रृंगार के बाद भी उसपर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। इससे भगवान शिव रुष्ट हो जाते हैं।

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साथ ही, दोपहर के समय भी शिवलिंग पर जल चढ़ाना धर्म शास्त्रों में उचित नहीं माना गया है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सबसे ज्यादा शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त माना गया है। इसके अलावा, सुबह 5 बजे से लेकर सुबह के 11 बजे तक का समय भी शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए शुभ है।

when not to offer water on shivling

शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि सूर्य का समस्त तेज शिवलिंग में समाहित है। ऐसे में शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय सूर्य को साक्षी माना जाता है। सूर्यास्त के समय या उसके बाद शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल सूर्य के साक्ष्य में नहीं माना जाता है, इसलिए इसका कोई फल भी नहीं मिलता।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर कब शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए जल और क्या है इसके पीछे का कारण। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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