What can a wife do to a cheating husband:पति की बेवफाई एक महिला के लिए सबसे बड़ी चीज होती है। पति के धोखा देने पर पत्नी का सिर्फ विश्वास ही नहीं टूटता है, बल्कि उसे इमोशनल, मेंटल और सोशल रूप से भी कमजोर कर देता है। साथ ही यह पत्नी के आत्मसम्मान और मानसिक स्थिति को भी हिलाकर रख देता है। ऐसी सिचुएशन में कई बार महिलाएं समझ नहीं पाती हैं कि क्या करना सही है और क्या करना नहीं। लेकिन, दुख और उलझनों के बीच यह भी जानना जरूरी है कि धोखा और बेवफाई करने वाले पति से अलग होने के साथ-साथ आपके पास क्या कानूनी अधिकार हैं।
भारत में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून हैं। यह कानून समय आने पर महिलाओं को न्याय दिलाने में मदद करते हैं। आइए, यहां लीगल एक्सपर्ट से समझते हैं कि पति की बेवफाई के बाद पत्नी को कौन-कौन से अधिकार मिलते हैं। पति के धोखा देने और पत्नी के कानूनी अधिकारों के बारे में हमें दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली एडवोकेट अकांक्षा गुप्ता ने बताया है।
पति के धोखा देने पर पत्नी के पास कौन-कौन से कानूनी अधिकार होते हैं?
एडवोकेट के मुताबिक, अगर आपका पति धोखा देता है तो यह सिचुएशन बहुत ज्यादा इमोशनल हो जाती है। लेकिन, इमोशनल होने के साथ-साथ ही आपको अपने लीगल अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए। आइए, यहां जानते हैं कि भारतीय कानून महिलाओं को इस तरह की सिचुएशन में कौन-कौन से अधिकार देता है।
तलाक देने का अधिकार
अगर आपके पति का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है तो आप तलाक के लिए फाइल कर सकती हैं। हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के सेक्शन 13(1)(i) के अगर आपका पार्टनर एडल्ट्री यानी शादी के बाद किसी और से संबंध रखता है तो तलाक लिया जा सकता है। हालांकि, तलाक का केस फाइल करने के लिए आपको कुछ प्रूफ जैसे मैसेज, फोटोज, विटनेस और स्टेटमेंट चाहिए होंगे।
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गुजाराभत्ता और एलिमनी का अधिकार
अगर पति धोखा देता है और आपकी किसी तरह की इनकम नहीं है तो आप फाइनेंशियल सपोर्ट मांग सकती हैं। गुजाराभत्ता का अधिकार महिलाओं को CrPC के सेक्शन 125 के तहत मिलता है। वहीं, हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 24 और 25 के तहत टेंपरेरी और परमानेंट एलिमनी का अधिकार मिलता है। हालांकि, गुजाराभत्ता और एलिमनी के मामले में कोर्ट पति की इनकम और आपकी जरूरतों को देखकर ही फैसला लेता है।
पति के घर में रहने का अधिकार
पति के धोखा देने की बात खुलने के बाद अगर वह आपको घर से निकालता है तो आप कोर्ट का ऑर्डर ला सकती हैं। जी हां, घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत महिलाओं को पति के घर में रहने का अधिकार मिलता है। इसके अलावा आप पति से इमोशनल अब्यूज करने के लिए भी भत्ता मांग सकती हैं।
बच्चे की कस्टडी का अधिकार
चीटिंग के बाद तलाक के मामले में पत्नी अपने बच्चे की कस्टडी के लिए भी केस फाइल कर सकती है। यह अधिकार गार्डियन एंड वार्ड्स एक्ट, 1890 के तहत मिलता है। हालांकि, बच्चे की भलाई को देखकर ही कोर्ट ऐसे मामले में फैसला लेता है।
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एडल्ट्री को मानसिक क्रूरता माना गया
एडवोकेट के मुताबिक, जोसफ शाइन वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया, 2018 मामले में एडल्ट्री को आपराधिक नहीं माना था। लेकिन, इसके बावजूद एडल्ट्री को मानसिक क्रूरता माना गया है और इसके आधार पर तलाक लिया जा सकता है।
एडवोकेट का कहना है कि अगर आपके पति ने धोखा दिया है और आप इमोशनल सिचुएशन में हैं, तो आपको एक अच्छा फैमिली लॉयर से सलाह लें और फिर ही कोई कदम उठाएं।
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Image Credit: Freepik
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