भिंडी के पौधे में नहीं आ रही एक भी कली, इस सस्ती-सी चीज का डालें घोल...तेजी से बढ़ सकती है ग्रोथ

कई बार देखरेख की कमी की वजह से भी भिंडी के पौधे में कलियां नहीं लग पाती हैं। अगर आपके भी भिंडी के पौधे में फूल या फल नहीं लग रहे हैं, तो यहां हम एक नेचुरल फर्टिलाइजर के बारे में बताने जा रहे हैं। जिससे पौधे की ग्रोथ तेजी से बढ़ सकती है। 
Natural Fertilizer for lady finger plant

घर की बालकनी और छत पर हरे-भरे और फूलों के पौधे लगाने के साथ-साथ फल-सब्जी के पौधे लगाने का ट्रेंड भी बढ़ता जा रहा है। बागवानी का शौक रखने वाले आजकल अपने किचन गार्डन में अलग-अलग सब्जियों के पौधे लगा रहे हैं, इन्हीं में से एक भिंडी का पौधा भी है। भिंडी का पौधा गमले में लगाना और इसकी देखरेख करना बहुत ही आसान है। लेकिन, कई बार पोषण और देखरेख की कमी की वजह से भिंडी के पौधे में कली नहीं लग पाती है।

किचन गार्डनिंग का शौक रखने वाले अक्सर इस समस्या से परेशान रहते हैं कि भिंडी के पौधे तो तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन उनमें कली या फूल नहीं आ रहे। अगर आपके भी भिंडी के पौधे में कली या फल नहीं लग रहे हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। जी हां, क्योंकि यहां हम एक ऐसे घोल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आपके भिंडी के पौधे में कली और फल की ग्रोथ तेजी से बढ़ सकती है।

भिंडी के पौधे में इस चीज का घोल डालने से बढ़ सकती है कली और फूलों की ग्रोथ

limestone for lady finger plant

पौधों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए ऐसे तो बाजार में तरह-तरह केमिकल्स और खाद मिलती हैं। लेकिन, आज हम जिस नेचुरल फर्टिलाइजर के बारे में बात करने जा रहे हैं वह मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने से लेकर पौधे में कीट-कीड़े लगने से भी रोकने में मदद कर सकता है। यह फर्टिलाइजर और कोई नहीं, बल्कि चूना है। भिंडी के पौधे में चूने का घोल डालने के कई फायदे होते हैं।

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  • PH बैलेंस संतुलित: चूना मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट से बना होता है, जो मिट्टी की एसिडिटी को कम करके उसका PH बैलेंस संतुलित करने में मदद करता है। दरअसल, मिट्टी में एसिडिटी की मात्रा ज्यादा होने की वजह से पौधे की जड़ें पोषक तत्वों को ठीक से ग्रहण नहीं कर पाती हैं। ऐसे में चूने का घोल मिट्टी की एसिडिटी को कम करके उसे बैलेंस करता है, जिससे पौधे को पोषक तत्व ग्रहण करने में मदद मिल सकती है।

  • कैल्शियम की कमी: दरअसल, चूने में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो पौधे की स्टेम्स को मजबूत करने में मदद कर सकता है। ऐसे में अगर आप भिंडी के पौधे में चूने का घोल डालते हैं, तो वह स्वस्थ रहते, पत्तियां मुरझाने और कलियों के झड़ने की समस्या भी कम हो सकती है।

  • फंगस और कीड़ों से बचाव: कई बार पौधे में फंगस और कीट-कीड़े लग जाते हैं, जिसकी वजह से कलियां या फल-फूल नहीं लग पाते हैं। ऐसे में नेचुरल फर्टिलाइजर चूना का घोल डालना भी फायदेमंद हो सकता है।

भिंडी के पौधे में इस तरह करें चूने का इस्तेमाल

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भिंडी के पौधे को हरा-भरा और फूल-फल से लदा बनाने के लिए सबसे पहले एक लीटर पानी लें और उसमें महज 5 ग्राम चूना डालें। चूने को अच्छी तरह से पानी में घोलें और एक दिन के लिए छोड़ दें। जब पानी में चूना अच्छी तरह से घुल जाए, तो इसे छान लें और एक अलग बर्तन में निकाल लें। अब इस चूने वाले पानी को पौधों की जड़ों के आस-पास डालें। भिंडी के अलावा अन्य पौधों में भी चूने के पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि इस प्रक्रिया को 20 से 25 दिन से पहले न दोहराएं।

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चूना या इसके घोल का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल न करें, क्योंकि कई बार कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होने की वजह से पौधा खराब भी हो सकता है। साथ ही चूने के घोल का इस्तेमाल पौधे की पत्तियों पर नहीं करने की सलाह दी जाती है। इस नेचुरल फर्टिलाइजर को मिट्टी में ही डालना फायदेमंद हो सकता है।

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Image Credit: Amazon

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