Signs of Silent Divorce: शादी का रिश्ता भले ही दो लोगों के बीच होता है। लेकिन, इस रिश्ते की गाड़ी प्यार, विश्वास, समझदारी और कॉम्प्रोमाइज जैसे पहियों पर चलती है। ऐसे में अगर किसी भी चीज की कमी हो जाए तो शादी की गाड़ी चलना मुश्किल हो जाता है। शायद यही वजह है कि आज के दौर में तलाक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। साथ ही तलाक के नए ट्रेंड भी सामने आ रहे हैं, जिसमें एक साइलेंट डाइवोर्स भी शामिल है।
भारत में बीते कुछ सालों में साइलेंट डाइवोर्स के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। साइलेंट डाइवोर्स का जिक्र सुनकर आप शायद कंफ्यूज हो जाएं और समझें कि यह तलाक जैसा ही होता है। लेकिन, ऐसा नहीं है। तलाक में पति-पत्नी कानूनी रूप से अलग हो जाते हैं और अपनी-अपनी जिंदगी में मूवऑन भी कर लेते हैं। वहीं, साइलेंट डाइवोर्स में पति-पत्नी के बीच कोई संबंध नहीं होता है। मगर वह कानूनी रूप से तलाक नहीं लेते हैं। आइए, यहां साइलेंट डाइवोर्स के बारे में डिटेल्स के साथ समझते हैं और जानते हैं कि रिश्ते में किन संकेतों से पहचाना जा सकता है कि साइलेंट डाइवोर्स की नौबत आ गई है।
साइलेंट डाइवोर्स क्या होता है?
- शादी का रिश्ता मानसिक और शारीरिक, दोनों तरह का होता है। ऐसे में अगर पति-पत्नी के बीच इमोशनल और फिजिकल कनेक्शन खत्म हो जाए। लेकिन, वह फैमिली, बच्चों या फाइनेंशियल प्रॉबल्म्स की वजह से साथ रहते हैं तो उस सिचुएशन को साइलेंट डाइवोर्स कहा जाता है।
- साइलेंट डाइवोर्स में ज्यादातर कपल्स का रिश्ता बाहर से नॉर्मल दिखाई देता है। लेकिन, अंदर का सच सिर्फ कपल को होता है।
साइलेंट डाइवोर्स की सिचुएशन में कपल के बीच किसी तरह की उम्मीद, लड़ाई और झगड़ा भी नहीं होता है। वह बस एक छत के नीचे रहते हैं।
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साइलेंट डाइवोर्स के संकेत क्या-क्या हैं?
- बातचीत में कमी: सोशल मीडिया और भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल की वजह से कपल्स को ऐसे ही कम समय साथ बिताने के लिए मिलता है। ऐसे में जो समय मिल रहा है उसमें भी कपल्स के बीच बातचीत कम हो जाए तो यह साइलेंट डाइवोर्स का संकेत हो सकता है।
- इमोशनल दूरी: पार्टनर के साथ अगर बातचीत सिर्फ जरूरी चीजों तक समिट जाए और इमोशनल दूरी आने लगे तो यह भी साइलेंट डाइवोर्स का संकेत हो सकता है। इमोशनल दूरी तब आती है जब पार्टनर के साथ सुख-दुख, डर या अपनी फीलिंग्स शेयर करने का मन नहीं करता है। इस सिचुएशन में ऐसा लगता है कि आप पार्टनर के साथ नहीं, किसी अजनबी के साथ रह रहे हैं।
- फिजिकल रिलेशन्स में कमी: अगर पार्टनर के साथ फिजिकल इंटिमेसी में कमी आ रही है, तो यह भी बॉन्डिंग कमजोर होने की निशानी है।
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- एक-दूसरे में दिलचस्पी नहीं: पार्टनर की जरूरतें और उसकी मौजूदगी अगर बोझ लगने लग जाए, तो यह भी साइलेंट डाइवोर्स का संकेत हो सकता है। हालांकि, एक-दूसरे में दिलचस्पी कम होने पर रिश्ता टूट गया है ऐसा मान लेना भी गलत है। ऐसे में अगर आप रिश्ता टूटने से बचाना चाहती हैं तो हर दिन अपने रिश्ते पर काम करते रहना चाहिए।
- अकेलापन महसूस होना: अगर पार्टनर के साथ एक घर या एक कमरे में रहते हुए भी आप अकेलापन महसूस करती हैं, तो यह भी साइलेंट डाइवोर्स की निशानी हो सकती है।
ये सभी साइलेंट डाइवोर्स के संकेत होते हैं। हालांकि, जहां एक तरफ तलाक लेने के बाद कपल का दोबारा साथ होना मुश्किल होता है। वहीं, दूसरी तरफ साइलेंट डाइवोर्स की सिचुएशन में कपल का रिश्ता एक बार फिर ठीक होने की उम्मीद बनी रहती है।
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