गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष यात्री पंख प्रदान किए गए। 27 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में एक कार्यक्रम के दौरान गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष यात्री पंख प्रदान किए।
ये हैं चार अंतरिक्ष यात्री
- ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर
- ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन
- ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप
- विंग कमांडर सुधांशु शुक्ला
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi reviews the progress of the Gaganyaan Mission and bestows astronaut wings to the astronaut designates.
— ANI (@ANI) February 27, 2024
The Gaganyaan Mission is India's first human space flight program for which extensive preparations are underway at various ISRO centres. pic.twitter.com/KQiodF3Jqy
गगनयान मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक मानव रहित अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें अंतरिक्ष से सुरक्षित तौर पर वहां से वापस लाना है। गगनयान परियोजना में 3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के दल को 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके भेजना है। इस मिशन में मानव रहित अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है। उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर भारतीय महासागर में उतारा जाना है।

गगनयान मिशन भारत में अंतरिक्ष और तकनीकी विकास के लिए खास पहल हो सकता है। यह मिशन देश की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित कर सकता है। यह देश के युवाओं को प्रेरित कर सकता है और उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
गगनयान मिशन के उद्देश्य:
- मानव रहित अंतरिक्ष यान भेजना और उसे सुरक्षित रूप से वापस लाना।
- अंतरिक्ष में मानव उड़ान के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों का विकास करना।
- भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को अंतरिक्ष में मानव उड़ान के क्षेत्र में प्रशिक्षित करना।
- अंतरिक्ष में मानव उड़ान के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करना।
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भारत के लिए गगनयान का महत्व:
- गगनयान मिशन से भारतीय निजी क्षेत्र में लगभग 60% उपकरण से हासिल करने की उम्मीद है। इससे भारतीय उद्योग को बढ़ावा मिल सकता है और नई नौकरियों के मिलने का अवसर हो सकता है। इससे रोजगार पैदा होने और मानव संसाधनों को प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण हासिल करने का अवसर मिल सकता है। इस कार्यक्रम से मानव संसाधन का विकास हो सकता है और देश के भीतर आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने में औद्योगिक क्षमताओं के संदर्भ बढ़ने की उम्मीद है।
- गगनयान मिशन से 15,000 से अधिक नए रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है। क्योंकि अंतरिक्ष संगठन को अलग से 900 ह्यूमन रिसोर्स की आवश्यकता हो सकती है।
- मानव अंतरिक्ष उड़ान विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अग्रणी क्षेत्र हैं। मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम भविष्य में प्रौद्योगिकी के लिए प्रयोग और परीक्षण के आधार पर आयोजित करने के लिए अंतरिक्ष में एक अनूठा मंच हो सकता है।
- गगनयान मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हो सकती है। यह देश को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में देश को तकनीकी विकास में बेहतर दिशा दे सकता है। यह मिशन देश के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास को भी बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
- गगनयान मिशन के माध्यम से, भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में अध्ययन करने और अंतरिक्ष के वातावरण को समझने का मौका मिल सकता है।
- इस मिशन से आर्थिक विकास के अवसर भी उत्पन्न हो सकते हैं, क्योंकि इसके लिए नई तकनीकों की आवश्यकता होती है और उनके विकास के लिए भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को संबोधित किया जा सकता है।

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वहीं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने गगनयान मिशन पर यह जानकारी दी है कि शनिवार यानी 21 अक्टूबर को गगनयान मिशन की पहली परीक्षण उड़ान भेजेगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहला परीक्षण यान भेजा जाएगा जो मानव रहित होगा। वहीं, इसरो ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया कि मिशन गगनयान की टीवी- डी 1 परीक्षण उड़ान का समय 21 अक्टूबर को सुबह सात बजे से नौ बजे के बीच श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निर्धारित की गई है।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ के मुताबिक गगनयान मानव सहित अंतरिक्ष यान कुल चार परीक्षण यान भेजेगा। जिसमें इसरो ने बताया कि पहली उड़ान मानव रहित होगी। इसके जरिए यान के क्रू एस्केप सिस्टम की क्षमता देखी जाएगी। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा था कि 21 अक्टूबर को टीवी-डी 1 परीक्षण उड़ान के बाद गगनयान कार्यक्रम के तहत तीन और परीक्षण यान मिशन शुरू किए जाएंगे।
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