डिजिटल युग में सिर्फ तकनीक नहीं आई है, बल्कि हमारे रिश्तों की परिभाषा और भावनाओं की गहराई भी बदल गई है। पहले लोग रिश्तों में भविष्य और जीवनभर साथ निभाने जैसी बातों में यकीन रखते थे। लेकिन, आज की GenZ पीढ़ी रिश्तों को लेकर काफी एक्सपेरिमेंटल और फास्ट-पेस्ड हो गई है। सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स और बदलती सोच ने रिश्तों में कई नए ट्रेंड्स को जन्म दिया है। इन्हीं में से एक प्लेसहोल्डर डेटिंग भी है।
प्लेसहोल्डर डेटिंग शब्द सुनकर आपको ऐसा लग सकता है कि यह कोई टैक्निकल चीज है लेकिन, हकीकत कुछ और ही है। जी हां, प्लेसहोल्डर डेटिंग की ऐसी तकनीक है जिसमें आज की जनरेशन के लोग परफेक्ट पार्टनर मिलने तक किसी ऐसे शख्स के साथ रिश्ते में रहते हैं जिसके साथ वह अपना भविष्य नहीं सोचते हैं। आइए, यहां डिटेल में समझते हैं कि प्लेसहोल्डर डेटिंग क्या है और आप कैसे और किन साइन्स से जान सकते हैं कि आपका पार्टनर प्लेसहोल्डर डेटिंग तो नहीं कर रहा है।
आसान शब्दों में प्लेसहोल्डर डेटिंग को समझें तो यह तब होती है जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे शख्स को डेट करता है जिसे वह असर में अपने लिए सही या परफेक्ट नहीं मानता है। लेकिन, अकेले रहने या किसी सिंगल रहने से बचने के लिए किसी को डेट करता है। अगर GenZ की भाषा में कहें तो परफेक्ट पार्टनर न मिल जाने तक टाइमपास के लिए किसी के साथ रिश्ते में रहने को प्लेसहोल्डर डेटिंग कहा जाता है।
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उदाहरण के लिए, अगर आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, लेकिन उसके लिए किसी खास एक्सपीरियंस या पैसे की जरूरत है। ऐसे में जब तक आपका बिजनेस शुरू नहीं हो जाता है, तब तक आप कोई नौकरी करने लगते हैं तो इसे प्लेसहोल्डर कहा जा सकता है। प्लेसहोल्डर डेटिंग आपको सिंगल रहने बचाती है, व्यस्त रखती है और रिलेशनशिप की जरूरतें भी पूरी करती है। हालांकि, यह अंतिम मंजिल नहीं होती है।
प्लेसहोल्डर डेटिंग कई बार एक तरफा होती है। ऐसे में एक व्यक्ति रिलेशनशिप में पूरी तरह से इन्वेस्टेड होता है। वहीं, दूसरा व्यक्ति सिर्फ टाइमपास कर रहा होता है। तब पहले व्यक्ति के साथ नाइंसाफी होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि किसी भी रिश्ते में रहने से इमोशनल अटैचमेंट हो जाती है।
प्लेसहोल्डर डेटिंग में एक व्यक्ति तो टाइमपास कर रहा होता है। वहीं, दूसरा रिश्ते में अपना सबकुछ लगा रहा होता है। ऐसे में टाइमपास करने वाला शख्स अपना परफेक्ट पार्टनर मिलने पर चला जाता है, लेकिन जो लॉयल यानी सच्चा होता है उसके लिए यह पूरी तरह से समय और इमोशन्स की बर्बादी हो जाता है।
प्लेसहोल्डर रिलेशनशिप में जो व्यक्ति रिश्ते में सच्चा होता है उसका कॉन्फिडेंस टूट जाता है। क्योंकि, उसे अहसास होता है कि जिससे प्यार किया उसने आपको नहीं चुना और आप उसके लिए परफेक्ट नहीं है।
अगर पार्टनर को आपकी बातों में दिलचस्पी नहीं है, तो यह प्लेसहोल्डर रिलेशनशिप का संकेत हो सकता है। जी हां, अगर पार्टनर आपकी बातें नहीं सुनता या सुनकर अनसुना कर देता है, तो हो सकता है कि वह सिर्फ आपके साथ रिलेशनशिप टैग या टाइमपास के लिए हो।
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अगर पार्टनर फ्यूचर के बारे में बात करने से बचता है, तो हो सकता है कि उसके दिमाग में कोई दूसरा विचार हो या फिर वह आपके साथ भविष्य देखता ही न हो। अगर आपका पार्टनर बात-बात पर कहता है कि आज में विश्वास रखो या फिर बाद का बाद में देखेंगे तो यह एक संकेत हो सकता है।
अगर आपका पार्टनर समय देने और बात करने से बचता है। लेकिन, जब भी शारीरिक संबंधों की बात आती है तो वह हमेशा मौजूद रहता है। तब यह एक प्लेसहोल्डर रिलेशनशिप का संकेत हो सकता है।
अगर आपका पार्टनर अपनी फैमिली और फ्रेंड्स से मिलाना तो दूर उनकी बात करने से भी बचता है। तब यह प्लेसहोल्डर रिलेशनशिप का संकेत माना जा सकता है, ऐसे में आपको तुरंत संभल जाने की जरूरत है।
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