पेरिस पैरालंपिक खेलों का आयोजन 28 अगस्त से 8 सितंबर 2024 तक किया जाएगा। यह आयोजन फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगा, जो पैरालंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार इस आयोजन की मेजबानी कर रहा है। भारत का दल इस बार 84 एथलीटों के साथ पैरालंपिक में भाग ले रहा है, जो अब तक का सबसे बड़ा दल है।
भारतीय खिलाड़ी 22 खेलों में से 12 में प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिसमें पैरा साइकिलिंग, पैरा जूडो, और पैरा रोइंग में पहली बार भाग लिया जाएगा। उद्घाटन समारोह आज रात 11:30 बजे होगा, और शॉटपुट स्टार भाग्यश्री जाधव और जैवलिन स्टार सुमित अंतिल भारत के ध्वजवाहक होंगे।
भारत का अभियान कल पैरा बैडमिंटन, पैरा निशानेबाजी, पैरा तीरंदाजी, पैरा साइकिलिंग, पैरा ताइक्वांडो, पैरा तैराकी, और पैरा टेबल टेनिस में शुरू होगा। एथलेटिक्स की प्रतिस्पर्धाएं 30 अगस्त से शुरू होंगी, जिसमें 38 भारतीय एथलीट भाग लेंगे।
टोक्यो 2020 के स्वर्ण पदक विजेता सुमित अंतिल एफ-64 श्रेणी में भाला फेंक में और भाविना पटेल टेबल टेनिस में महिला सिंगल्स और डबल्स में भारतीय चुनौती पेश करेंगी।
ओलंपिक में योग्य एथलीट भाग लेते हैं, जबकि पैरालंपिक में खास तौर पर शारीरिक विकलांगता वाले एथलीट भाग लेते हैं। हालांकि, कुछ पैरालंपिक एथलीट ओलंपिक खेलों में भी हिस्सा ले चुके हैं।
पैरालंपिक शब्द ग्रीक शब्द 'पैरा' (बगल में या साथ में) और 'ओलंपिक' से मिलकर बना है। इसका मतलब है कि पैरालंपिक, ओलंपिक के समानांतर आयोजित होने वाली प्रतियोगिता है। हालांकि, शुरुआत में इसे पैराप्लेजिक (रीढ़ की हड्डी में चोट वाले लोगों के लिए खेल) और ओलंपिक को मिलाकर एक पोर्टमैंटू के रूप में बनाया गया था। अब इसे बहुत सटीक नहीं माना जाता, क्योंकि इसमें अन्य विकलांगता समूहों को भी शामिल किया जाता है।
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पैरालंपिक खेल हर चार साल में आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि ओलंपिक। पैरालंपिक खेल, ओलंपिक खेल के खत्म होने के कुछ हफ्तों या महीने बाद शुरू हो जाते हैं। दोनों खेल एक ही शहर में खेले जाते हैं।
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पैरालंपिक एथलीटों के शरीर की संरचना और कार्यों में कमी होती है, जिससे खेल में कॉम्पिटेटिव नुकसान हो सकता है।
पैरालंपिक का एक और मकसद विकलांग लोगों के लिए दुनिया भर में सम्मान और प्रशंसा बढ़ाना भी है। पैरालंपिक खेलों में कई तरह की विकलांगताओं से ग्रस्त एथलीट हिस्सा लेते हैं। इन एथलीटों को उनकी विकलांगता के प्रकार और सीमा के आधार पर आगे वर्गों में बांटा जाता है। उदाहरण के लिए, पैरालंपिक खेलों में व्हीलचेयर फेंसिंग को दो कैटेगरी में बांटा गया है
पैरा कैनो: सी1 से सी5 तक पांच कैटेगरी हैं। इन कैटेगरी में आर्टिफिशियल अंग या ऊपरी या निचले अंगों की सीमित गति के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले एथलीट हिस्सा लेते हैं।
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पैरालंपिक खेलों में शारीरिक, मानसिक, या बौद्धिक विकलांगता वाले एथलीट भाग लेते हैं। इन खेलों का आयोजन ओलंपिक खेलों के तुरंत बाद किया जाता है और इसमें अलग-अलग प्रकार की प्रतिस्पर्धाओं को शामिल किया जाता है, जो खास तौर पर विकलांग एथलीटों के लिए अनुकूलित होती हैं। पैरालंपिक खेलों का मकसद विकलांग एथलीटों को समान अवसर प्रदान करना और उनके अनोखे कौशल और प्रतिभा को दुनिया के सामने लाना है।
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