घर का मंदिर एक ऐसी जगह होता है जहां हम ईश्वर का ध्यान करते हैं, अपने भविष्य की कामना के लिए प्रार्थना करते हैं और भक्ति में मन लगाते हैं। इसलिए ऐसा माना जाता है कि घर का मंदिर एक अलग स्थान पर होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यदि घर का मंदिर सभी कमरों से हटकर होगा तो वहां पूजा करने वाले लोगों का मन अच्छी तरह से भक्ति में लगेगा। लेकिन आजकल जब लोगों के घर छोटे हैं तो पूजा का मंदिर एक अलग कमरे में बना पाना थोड़ा मुश्किल हो गया है।
पूजा का स्थान हमेशा वास्तु के अनुसार ही बनाना चाहिए जिससे घर में खुशहाली आए। आइए नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से जानें घर के मंदिर को किस स्थान पर बनाना चाहिए और किन वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए।
दक्षिण दिशा में न हो मंदिर
जब भी आप घर में मंदिर या पूजा स्थल बनाएं तो ध्यान रखें कि ये कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना गया है। हमेशा घर का मंदिर या पूजा स्थल ईशान कोण में ही बनाएं। यह घर की उत्तर पूर्व दिशा होती है जो पूजा के लिए सबसे अच्छी जगह मानी जाती है।
मंदिर कभी भी सीढ़ियों के नीचे न बनाएं
अगर आपके घर में जगह की कमी है तब भी आपको पूजा का स्थान सीढ़ियों के नीचे नहीं बनाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सीढ़ियों के नीचे बनाया गया मंदिर आपके लिए धन हानि का कारण बन सकता है और आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा ला सकता है।
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बेसमेंट में न बनाएं पूजा का मंदिर
कभी भी आपको बेसमेंट में पूजा का स्थान नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह भी आपके घर में कलह का कारण बन सकता है। अगर आपका घर एक मंजिल से ज्यादा का है तो आप ग्राउंड फ्लोर में ही मंदिर बनाएं।
बेडरूम में न बनाएं पूजा का मंदिर
कभी भी आपको बेडरूम में मंदिर नहीं बनाना चाहिए। यदि आपका घर छोटा है और आपके घर में पूजा के लिए मंदिर बनाने का कोई विकल्प नहीं है तो आप बेडरूम में बने मंदिर की जैसे ही पूजा हो जाए उस स्थान पर पर्दा डाल दें। कभी भी सोते समय ईश्वर सामने नहीं होने चाहिए। खासतौर पर पूजा का स्थान आपको शादीशुदा जोड़े के कमरे में नहीं बनाना चाहिए।
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बाथरूम के ऊपर या नीचे न हो मंदिर
कई लोग बाथरूम के ऊपर या नीचे मंदिर बना लेते हैं और वहां ईश्वर की पूजा करते हैं। लेकिन ऐसा करने से आपके स्वास्थ्य पर असर होता है। यदि आपके घर में इस जगह पर मंदिर है तो कोई न कोई बीमारी हमेशा घर में बनी रहती है।
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मूर्तियों को कभी भी जमीन में न रखें
पूजा के स्थान में कभी भी आपको भगवान की मूर्तियां जमीन में नहीं रखनी चाहिए। जमीन में रखी गई मूर्तियां घर में नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनती हैं। मूर्तियां स्थापित करने से पहले जमीन के ऊपर कोई चौकी या कपड़ा रखें। कभी भी मूर्तियों को आपको दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए।
इन सभी वास्तु नियमों को ध्यान में रखकर यदि आप पूजा का मंदिर स्थापित करते हैं तो आपको विशेष लाभ की प्राप्ति होती है और घर की सुख समृद्धि बनी रहती है।
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