वास्तु शास्त्र में दिशाओं के जुड़े कई नियमों के बारे में बताया गया है। वहीं वास्तु का संबंध सूर्य की गति से पता लगाया जा सकता है, कि कौन सी सबसे अधिक मात्रा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। इससे घर की सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। तो ऐसे में आइए वास्तु एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि वास्तु का संबंध सूर्य से कैसे है और किस दिशा में कौन सा कक्ष होना चाहिए।
एक्सपर्ट के अनुसार वास्तु और सूर्य के बीच बेहद ही अनोखा संबंध है। सूर्य के भ्रमण करने पर दिशाओं से जुड़े वास्तु नियमों के बारे में पता लगाया जा सकता है। जिससे घर में अधिक मात्रा में सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा और घर में सुख-समृद्धि का वातावरण रहेगा। बता दें सूर्योदय से पहले रात्रि 3 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त का समय होता है। जो बहुत ही शुभ माना जाता है। इस समय सूर्य घर के उत्तर-पूर्वी भाग में होते हैं।
जो पूजा-पाठ के लिए सबसे सर्वोत्तम माना गया है। इसलिए अगर आपको पूजाघर बनवाना है, तो घर की ईशान कोण दिशा में बनवाएं। इससे घर की सुख-शांति बनी रहेगी और आपके सभी बिगड़े काम बनने लग जाएंगे।
सुबह करीब 06 बजे से लेकर सुबह 09 बजे तक सूर्य घर के पूर्वी हिस्सा में रहते हैं। इसलिए घर ऐसा बनवाना चाहिए कि सूर्य की रोशनी सीधे घर पर पड़े। ऐसा माना जाता है कि सुबह सूर्य की रोशनी घर में आना बेहद जरूरी है। इससे व्यक्ति को रोगों से छुटकारा मिल सकता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है। इसलिए वास्तु के हिसाब से सुबह खिड़की और दरवाजे खोलकर रखें, ताकि सूर्य की रोशनी घर में प्रवेश कर सके।
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सुबह 09 बजे से लेकर 12 बजे तक सूर्य घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में होते हैं। इसलिए इस समय नहाने और भोजन बनाने के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इससे अन्नपूर्णा मां के साथ मां लक्ष्मी (मां लक्ष्मी मंत्र) भी बेहद प्रसन्न होती हैं।
दोपहर 12 बजे से लेकर 03 बजे तक आराम का समय माना जाता है। इस समय सूर्य (सूर्य मंत्र) दक्षिण दिशा में होते हैं। इसलिए इस दिशा में शयन कक्ष बनवाना बहुत शुभ माना जाता है। इस बात ध्यान रखें कि शयन कक्ष के पर्दे हरे रंग के होना चाहिए। इससे व्यक्ति को कभी किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
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दोपहर 3 बजे से लेकर शाम 6 बजे अध्ययन के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है और सूर्य उस समय दक्षिण-पश्चिम दिशा में होते हैं।
शाम 06 से लेकर रात 09 बजे तक सूर्य पश्चिम दिशा में होते हैं। इसलिए यह समय खाने, बैठने और पढ़ने के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
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शाम 6 से रात 9 तक का समय खाने, बैठने और पढऩे का होता है इसलिए घर का पश्चिमी कोना भोजन या बैठक कक्ष के लिए उत्तम होता है। इस वक्त सूर्य भी पश्चिम में होता है।
रात 9 बजे सूर्य घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में होते हैं। इसलिए यह स्थान शयन कक्ष के लिए शुभ माना जाता है।
बता दें रात 3 बजे सूर्य घर के उत्तरी भाग में होते हैं। यह समय गोपनीय माना जाता है। इसलिए इस दिशा में कीमति वस्तु और जेवरात रखना सबसे उत्तम होता है।
सूर्य के हिसाब से घर के वास्तु का चयन करें। साथ ही यहां बताई गई बातों पर विशेष ध्यान दें और अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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