बच्चे सिर्फ शरीर से ही नहीं, बल्कि स्वभाव से भी बेहद कोमल होते हैं। उन्हें कोई भी बात जल्दी बुरी लग जाती है या फिर वह उसे बहुत जल्दी दिल पर ले लेते हैं। शायद यही कारण है कि बच्चों को हैंडल करने के लिए एक अलग तरीका अपनाना पड़ता है। यूं तो हर बच्चा स्वभाव से थोड़ा-बहुत सेंसेटिव होता ही है, लेकिन वहीं कुछ बच्चे ओवर इमोशनल होते हैं और इसलिए इन्हें मैनेज करना पैरेंट्स के लिए थोड़ा अधिक कठिन होता है।
जो बच्चे ओवर सेंसेटिव या ओवर इमोशनल होते हैं, उनका इमोशनल ब्रेकडाउन बहुत जल्द हो जाता है। वह जरा सी बात पर रोना शुरू कर सकते हैं या फिर उन्हें जरा सी बात भी चुभ सकती हैं और वह गुस्सा हो जाते हैं। ऐसे बच्चे जब इमोशनली ब्रेकडाउन हो जाते हैं, तो वह हर किसी से डिस्कनेक्ट हो जाते हैं। हो सकता है कि वह आपसे बात ही ना करे और किसी भी चीज में अलग और उदासीन नजर आएं। ऐसे बच्चे को मैनेज करने के लिए आप कुछ आसान तरीके अपना सकते हैं। जानिए इस लेख में-
अगर आपका बच्चा ओवर इमोशनल है, तो यह एक बेहद जरूरी स्टेप है, जिसे फॉलो किया जाना चाहिए। ऐसे बच्चों के मन की भावनाएं अक्सर उनकी आंखों से झलकती हैं। इसलिए, आप जब भी उनसे बात करें तो हमेशा आई कॉन्टैक्ट बनाकर रखें। इससे आपको काफी हद तक यह समझ में आएगा कि बच्चे के मन में क्या चल रहा है। जब आप इन बातों को समझ पाएंगी, तो उसे हैंडल करना भी आसान होगा।
दुनिया में हर बच्चा अलग है और इसलिए उसकी बेहतरीन परवरिश का सबसे अच्छा तरीका है कि आप उसे उसी रूप में स्वीकार करें, जैसे कि वह है। मसलन, अगर आपका बच्चा ओवर इमोशनल है और इसलिए हर छोटी-छोटी बात पर उसे गुस्सा आता है या वह रो पड़ता है तो उसे डांटने के स्थान पर उसकी भावनाओं को मान्यता दें। जब तक आप यह समझने का प्रयास नहीं करेंगी कि वे क्या महसूस कर रहे हैं, आपके लिए उन्हें मैनेज करना काफी मुश्किल हो जाएगा। (मां को बच्चे के साथ प्यार से ही पेश आना चाहिए, जानिए क्यों)
जो बच्चे ओवर इमोशनल होते हैं, वह हमेशा ही इसी जद्दोजहद में लगे रहते हैं कि वह अपने इमोशन्स को मैनेज कैसे करें। उन्हें खुद ही समझ में नहीं आता कि वास्तव में उनके साथ क्या हो रहा है। ऐसे में जरूरत होती है कि पैरेंट्स उनकी मदद करें। आप उन्हें अपनी फीलिंग्स को मैनेज करने के लिए कुछ रास्ते अपना सकते हैं। आप उन्हें एक डायरी लाकर दें और उन्हें कहें कि वह जब भी कुछ अच्छा या बुरा महसूस करें तो उसे डायरी में अवश्य लिखें। इस तरह जब बच्चा अपने मन की भावनाओं को कागज पर उतारता है तो उसका मन काफी हल्का हो जाता है। आप इसी तरह उसकी फीलिंग्स को मैनेज करने के लिए उसके लिए कुछ एक्टिविटीज निर्धारित कर सकती हैं।
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जो बच्चे ओवर इमोशनल होते हैं, उनके लिए कुछ बातें या फिर कुछ पैटर्न उनके लिए ट्रिगर्स का काम कर सकते हैं। हो सकता है कि कुछ शब्दों से उनका इमोशनल ब्रेकडाउन होता हो या फिर वह कुछ खास स्थितियां आपके बच्चे को भावनात्मक परेशानी की स्थिति में डालती हो। इसलिए, अगर बच्चा अलग व्यवहार कर रहा है तो उससे बात करें और यह जानने की कोशिश करें। यह पहचानने की कोशिश करें कि वह आपको क्या बताने में सहज नहीं हो रहा है। इससे आप बच्चे की फीलिंग्स को मैनेज कर पाएंगी।(टीनएज बच्चों की परेशानियों का ऐसे लगाएं पता)
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ऐसे बच्चों को अपने आसपास एक अलग तरह के माहौल की आवश्यकता होती है। इसलिए, ओवर इमोशनल बच्चे को हैंडल करने के लिए आप उसे एक खुशनुमा व सर्पोटिव माहौल प्रदान करें (इन टिप्स की मदद से टीनेजर्स को दें इमोशनल सपोर्ट)। मसलन, आप उन्हें दिन की शुरूआत में एक वार्म हग दें और हर दिन उससे बात करें, ताकि वह अपने इमोशंस को जाहिर कर सकें और अधिक हैप्पी रह सकें।
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